विश्व विकालांग दिवस पर विविध संगठनों ने की मांग, अलग विभाग सृजित करने का भी किया आग्रह
Patna News In Hindi: पटना, 3 दिसम्बर, विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर, बिहार नेत्रहीन परिषद, बिहार विकलांग अधिकार मंच तथा राज्य के प्रथम पुनर्वास विज्ञान संस्थान इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर, बिहार के मुख्यमंत्री से मांग की है कि बेरोज़गार विकलांगों को मिलने वाली पेंशन-राशि को चार सौ से बढ़ाकर कमसेकम चार हज़ार की जाए तथा प्रांतीय मंत्रिमण्डल में 'दिव्यांगता निवारण और पुनर्वास' नामक एक अलग विभाग सृजित किया जाए।
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रांगण में आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, बिहार में विकलांग पुनर्वास के जनक माने जाने वाले सुप्रसिद्ध समाजसेवी और साहित्यकार डा अनिल सुलभ ने कहा कि बिहार में विकलांगों के पुनर्वास की दिशा में अभी तक अपेक्षित गम्भीरता नहीं आयी है। ठोस पहल तभी हो सकती है, जब सरकार में इस हेतु एक अलग विभाग हो। जब एक मंत्री, प्रधान सचिव एवं अन्य अधिकारी गण, इस क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञों के परामर्श से कार्य आरंभ करेंगे, तो दिव्यांगजनों के पुनर्वास और कल्याण के कार्य सरलता से होने लगेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनियोजित दिव्यांगों को मात्र चार सौ रूपए पेंशन देती है, जिसमें आज दो दिनों का भोजन भी नसीब नहीं हो सकता। यह राशि कमसेकम चार हज़ार की जानी चाहिए।
बिहार नेत्रहीन परिषद के संस्थापक महासचिव और सुविख्यात नेत्र-दिव्यांग डा नवल किशोर शर्मा ने मांग की कि बिहार के सभी नेत्रहीन एवं मूक-बधिर राजकीय विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्त शीघ्र की जाए। महाविद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्र-वृत्ति, पिछले दस वर्षों से बंद है। उसे बिना किसी देरी के फिर से आरंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में नेत्रहीन बालिकाओं के लिए एक भी राजकीय विद्यालय नहीं है। इसकी स्थापना शीघ्र होनी चाहिए। पटना में एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित एक मात्र नेत्रहीन बालिका विद्यालय 'अंतर्ज्योति बालिका विद्यालय' निरंतर आर्थिक संकट में है। सरकार उसे पर्याप्त सहायता दे अथवा उसका अधिग्रहण करे। राज्य निःशक्तता आयुक्त का अत्यंत महत्त्वपूर्ण पद तीन वर्षों से रिक्त है। इस पर विकलांगता के क्षेत्र में कार्यरत किसी योग्य और अनुभवी व्यक्ति की नियुक्ति शीघ्र होनी चाहिए।
बिहार विकलांग अधिकार मंच के राज्य सचिव और सुख्यात दिव्यांग राकेश कुमार ने कहा कि विकलांगता अधिनियम के आलोक में प्रत्येक प्रांत में 'स्टेट डिजैबिलिटी बोर्ड' का गठन किया जाना है। अभी तक बिहार में यह बोर्ड भी गठित नहीं हो सका है। शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में, न्यायालयादेश के अनुसार शीघ्र ही प्रशिक्षित विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति हो।
इस अवसर पर, मधेश्वर शर्मा, कृष्ण रंजन सिंह, जय प्रकाश पुजारी, गणेश कुमार, नीतेश कुमार, सीताराम पटियाला, अंशु कुमारी, विभा कुमारी, राधा कुमारी, शकुंतला देवी, रघुनाथ प्रसाद सिंह आदि दिव्यांग उपस्थित थे।
(For more news apart from Chief Minister, give a pension of four thousand rupees to the disabled News In Hindi, stay tuned to Spokesman hindi)