उन्होंने आगे कहा कि बिहार से बाहर कार्यरत बिहारी करोड़ो रूपया बिहार भेजते है, उचित माहौल हो तो वे अपने राज्य में ही करोड़ो की आमदनी...
बक्सर, (संवाददाता): बिहार के लोग देश ही नहीं विदेशों में भी अपने टैलेंट का जलवा बिखेर रहे है। हर क्षेत्र में बिहारी आगे है, पर बिहार पीछे है, ऐसा क्यों ? नीति आयोग के आंकड़ों में बिहार की भयावह तस्वीर दिखाई पड़ती है। रविवार को बक्सर के नगर भवन में विजन बिहार, एजेण्डा-2025 (विभा-2025) मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता, सांसद राजीव प्रताप रुडी ने उक्त बातें कही।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार से बाहर कार्यरत बिहारी करोड़ो रूपया बिहार भेजते है, उचित माहौल हो तो वे अपने राज्य में ही करोड़ो की आमदनी करते साथ ही रोजगार सृजन भी होता। देश के विभिन्न राज्यों में बिहार के लोग छोटे से लेकर बड़े, सभी स्तरों पर, सभी पदों पर कार्यरत है, पर फिर भी बिहार पिछड़ा है, ऐसा क्यों ? नवगठित गैर राजनीतिक मंच विभा 2025 के बैनर तले बतौर मुख्य वक्ता थे पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी। उन्होंने राज्य के कई बिन्दुओं पर ध्यानाकर्षण कराया वहीं राज्य के पिछड़ेपन की ओर इशारा करते हुए राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की कई दिक्कतों से रूबरू भी कराया। कार्यक्रम में महाराजा चन्द्र विजय सिंह, महाराजा शिवांग विजय सिंह, परशुराम चतुर्वेदी और भाजपा की जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राणा प्रताप सिंह मंच पर मौजूद थे। साथ ही विभा के संस्थापक सदस्य यशवन्त सिंह, अंजनी कुमार राजू, ई॰ सत्येन्द्र कुमार सिंह, कामेश्वर ओझा, राकेश सिंह, उपनेश सिंह, कमलेश सिंह, अनील सिंह, धर्मेन्द्र चौहान, सुमीत सिंह, पीयूष, दीपक सिंह, अंगद सिंह उपस्थित थे।
हाईटेक तरीके से आयोजित कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी एक शिक्षक की भूमिका में दिखें और एक नये अंदाज में अलग-अलग स्लाइड में ऑडियो-विजुवल तरीके से कई रिपोर्ट दिखाई और उसकी व्याख्या भी की। उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट को पर्दे पर दिखाकर बिहार की सच्चाई से अवगत कराया। कार्यक्रम में शिक्षा और रोजगार के लिए राज्य के बाहर गये बिहारियों के विजुअल भी दिखाया गया कि वे लोग किस प्रकार बाहर जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे है। प्रजेंटेशन के माध्यम से अलग-अलग स्लाइड द्वारा बिहार और बिहारियों की दशा पर आधारित विभिन्न रिपोर्ट को विस्तार से पेश किया। केंद्रीय निवेश प्रस्ताव पर आंकड़ों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी ने सवाल करते हुए पुछा कि हाल में आये कई विदेशी निवेश, बिहार में क्यों नहीं ? देश विदेश की कई बड़ी कंपनियों ने कई राज्यों में निवेश किया है पर, बिहार में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला आखिर ऐसा क्यों ? रूडी ने कहा कि हमारे पूर्वज हमारे लिए समृद्ध बिहार छोड़ कर गये थे। पर आज उसी बिहार का हाल क्या हुआ है यह किसी से छिपा नहीं है। हमारा वही समृद्ध बिहार आज पिछड़ा बिहार हो गया है, आखिर ऐसा क्यों ? हमारे बिहार के युवा अब रोजी-रोटी के लिए देश के अन्य राज्यों में भटक रहे है। हमारे समृद्ध बिहार का आज क्या हाल है यह सब हम देख रहे है। अब हमें सोचना है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को हम कौन सा बिहार सौंपेंगे, समृद्ध बिहार या पिछड़ा बिहार ?
रुडी ने सवाल करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बिहार के युवा अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे है। ऐसे प्रतिभा संपन्न बिहारी युवाओं की प्रतिभा का सदुपयोग राज्य में नहीं किया जा सका। हवाई जहाज के पायलट, सांसद रुडी ने विमानन क्षेत्र से जुड़े बिहारी युवाओं का वीडियो दिखाकर उनकी प्रतिभा को दिखाया। देश के अन्य राज्यों में बिहार के लोगों की क्रिया कलापों व उनकी प्रतिभा को पर्दे पर दिखाते हुए बिहार की बदहाली की जिलावार तस्वीर भी दिखाई। उन्होंने कहा कि देश में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर के हब के रूप में दक्षिण भारत को ही जाना जाता था लेकिन अब उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी बड़ी संख्या में MNC यानी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने इन्वेस्ट किया है। परन्तु बिहार में अच्छी क्वालिटी के इंजीनियरिंग कॉलेजों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण ऐसा नहीं हुआ। शासन और प्रशासन स्तर पर यह किया जाना चाहिए था ताकि हुनरमंद युवा, कुशल युवा, तकनीक में समृद्ध युवा बिहार की प्रगति में योगदान दे सकते थे। परन्तु, उन्हें उनकी प्रतिभा का न तो उचित सम्मान राज्य में मिला और न ही उसकी प्रतिभा का उपयोग किया गया। लाचार होकर वे अन्य राज्यों या अन्य देशों में पलायन कर गये और वहां की प्रगति में महत्वपूर्ण सहभागी बने।
इस संदर्भ में दलगत राजनीति या भावना से उपर उठकर ऐसे युवाओं का राज्य की प्रगति में उपयोग करना चाहिए, उनका आह्वान करना चाहिए कि उनकी प्रतिभा का राज्य में उचित सम्मान होगा ताकि आश्वस्त होकर ऐसे युवा राज्य में वापस आये और प्रगति में अपना योगदान दें। आयोजित सभा मे श्री रुडी ने कहा कि बहुत पहले से राज्य सरकार प्रयासरत थी की जाति के आधार पर जनगणना हो लेकिन कानून सम्मत नहीं होने के कारण केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी। अंततः सरकार से अलग होकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार के लोगों को 250 जातियों में बांटा है जिसके आधार पर उनकी गणना की जायेगी। रुडी ने सवाल किया कि आखिर ये गणना क्यों कि जायेगी, इससे पिछड़े राज्य के गरीब की गरीबी कम होगी या जातियों की ?