बिहार में पटना में जो हुआ वह तानाशाही और सरकार की गुंडागर्दी है। -एपी पाठक
Patna: लोकतंत्र में विरोध, प्रदर्शन जायज होता है। सरकारें जब निरंकुश होती है तो जनता की भलाई के लिए निरंकुश और निकम्मी सरकार के विरुद्ध आवाज उठाना लोकतंत्र की खुबसूरती होती है। परंतु बिहार में पटना में जो हुआ वह तानाशाही और सरकार की गुंडागर्दी है। उक्त बातें मिडिया से बात करते हुए भाजपा नेता एपी पाठक ने कही। पाठक के सैकड़ों समर्थकों ने भाजपा के गांधी मैदान से विधानसभा पैदल मार्च में भाग लिया और बिहार सरकार की बर्बरता और जुल्म को सहा। उन सभी भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं जो बिहार के भलाई के लिए आवाज़ उठा रहे थे उनकी गिरफ्तारी हुई और उनपर लाठीचार्ज हुआ। जिसमें भाजपा कार्यकर्ता विजय सिंह की पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में मृत्यु हो गई को नीतीश और तेजस्वी सरकार की घोर अन्यायवादी और निरंकुशता का प्रमाण है।
इतिहास गवाह है कि लोगों के कल्याण हेतु विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने का काम करती है. यह दबाव विरोध प्रदर्शन, पैदल मार्च, सत्याग्रह करती है और जनता के साथ मुद्दों पर सरकार से लड़ती है, परंतु 13 जुलाई का दिन बिहार के लोकतंत्र के लिए काला अध्याय में लिखा जाएगा। जहां एक भाजपा कार्यकर्ता की नीतीश सरकार के इशारे पर हुए लाठीचार्ज में हत्या कर दी जाती है। भाजपा नेता एपी पाठक ने संवाददाताओं से कहा कि बिहार सरकार में आए दिन अधिकारियों के अच्छे कामों को निरंकुश नीतीश,और तेजस्वी की सरकार और उनके मंत्री व्यवधान पहुंचा रहें है जिससे मंत्री और नौकरशाहों के बीच आपसी सामंजस्य की कमी दिख रही है। फलस्वरूप नीति निर्धारण में अनियमितता हो रही हैं।इसी का परिणाम है कि किसान, युवा, शिक्षक और मजदूर आज बिहार में असहाय महसूस कर रहें हैं।
13 जुलाई को पटना में किसानों के हक, युवाओं के भविष्य, शिक्षकों के हित और मजदूरों के लिए बहुआयामी नीतियों हेतु भाजपा ने ऐतिहासिक गांधी मैदान विधान सभा तक पैदल मार्च किया परंतु निरंकुश सरकार के इशारे पर पुलिस ने हमारे सांसदों,विधायकों और कार्यकर्ताओं के ऊपर बर्बरता किया और हमारे एक भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर लाठीचार्ज किया फलस्वरूप हमारे समर्पित कार्यकर्ता विजय सिंह की मृत्यु हो गई। इस कुकृत्य की जितनी निंदा किया जाए ये कम होगी।