पटना संग्रहालय 1912 में बंगाल से बिहार तथा ओडिशा को अलग करने के पांच साल बाद अप्रैल 1917 में स्थापित किया गया।
Patna: प्राचीन कलाकृतियों और दुर्लभ चित्रकारी का समृद्ध भंडार ऐतिहासिक पटना संग्रहालय अपनी 95 साल पुरानी इमारत की मरम्मत और पुनरुद्धार के वास्ते जल्द ही दर्शकों के लिए बंद हो जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बिहार की राजधानी में इंडो-सैरेसेनिक वास्तुकला वाली इस ब्रिटिशकालीन ऐतिहासिक इमारत का निर्माण 1928 में पूरा हुआ। स्थानीय लोग इसे प्यार से ‘जादू घर’ भी कहते हैं। पुराने पटना-गया रोड पर स्थित संग्रहालय इमारत के पुनर्विकास की परियोजना अभी चल रही है जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगस्त 2020 में की थी।
बिहार सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुराने संग्रहालय परिसर के दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तरी भागों से गुजरकर उसके चारों ओर एक वृताकार नयी इकाई के निर्माण पर काम पूरा होने वाला है जिसके बाद विरासत इमारत की मरम्मत का काम जल्द शुरू होगा।
बिहार सरकार की कला, संस्कृति और युवा विकास सचिव बंदना प्रियेशी ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पटना संग्रहालय को मरम्मत के काम के लिए अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा। पुरानी विरासत इमारत में गलियारों को नए तरीके से संवारा जाएगा। विद्वान राहुल सांकृत्यायन तिब्बत से जो दुर्लभ पांडुलिपियों के हिस्से लेकर आए थे और जिन्हें बाद में पटना संग्रहालय को दान दे दिया गया था, उन्हें भी प्रदर्शित किया जाएगा।’’
प्रियेशी 18 मई से 20 मई तक दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के उद्घाटन समारोह में शामिल हुईं।
उन्होंने कहा, ‘‘मरम्मत का काम पूरा होने तक पुरानी कलाकृतियों को भंडार गृह में रखा जाएगा। और फिर हमारी योजना पूरी पुनर्विकास परियोजना को अगले कुछ महीने में पूरी करने की है ताकि नवंबर के शुरुआत तक इसका उद्घाटन किया जा सके और लोग फिर पटना संग्रहालय लौट सकें तथा इसका एक अलग अवतार देख सकें।’’
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पुरानी इमारत में अन्य गलियारे थीम पर आधारित होंगे जिनमें प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद गलियारा, शस्त्र और गोला बारुद गलियारा, सिक्के, पुरानी चित्रकारी जैसी कला और समकालीन कृतियां और प्राकृतिक इतिहास शामिल होगा।
उन्होंने बताया कि इस पुनरुद्धार परियोजना का बजट 158 करोड़ रुपये है। अधिकारी ने कहा, ‘‘नये गलियारे बनाए जाने हैं और ये श्रव्य-दृश्य गलियारे होंगे और इसमें प्राचीन शहर पाटलिपुत्र या इस शहर के उदय के मॉडल होंगे। इन्हें ‘गंगा’ और ‘पाटलि’ गलियारा कहा जाएगा।’’
संग्रहालय की शानदार पुरानी इमारत का डिजाइन राय बहादुर बिशुन स्वरूप द्वारा तैयार किया गया था और इसके स्थापत्य तत्वों में राजनूत शैली के ‘झरोखा’, ‘छत्र’, ‘अलंकृत गुंबद’ और केंद्र में फव्वारे से युक्त आंगन शामिल है।
पटना संग्रहालय 1912 में बंगाल से बिहार तथा ओडिशा को अलग करने के पांच साल बाद अप्रैल 1917 में स्थापित किया गया। शुरुआत में यह संग्रहालय पटना उच्च न्यायालय इमारत की उत्तरी शाखा में एक हिस्से में बनाया गया था। बाद में इसे नयी इमारत में ले जाया गया जिसका उद्घाटन 1929 में किया गया था।