पुस्तकालय में लगभग 37000 पुस्तकें उपलब्ध है।
गया: नगर विधायक सह बिहार विरासत विकास समिति के सभापति डॉ प्रेम कुमार जी ने स्थानीय गांधी मैदान के सामने स्थित प्रमंडलीय पुस्तकालय (पब्लिक लाइब्रेरी) का निरीक्षण किया।इस दौरान उन्होंने पुस्तकालय के भवन, कक्ष, आधारभूत संरचना एवं दुर्लभ पुस्तकों का निरीक्षण कर इस बहुमूल्य धरोहर को संरक्षित रखने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने पुस्तकालय अध्यक्ष पंकज कुमार चौधरी से पुस्तकों एवं पुस्तकालय के विकास कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
पुस्तकालयध्यक्ष ने नगर विधायक को अवगत कराते हुए बताया कि सन 1855 में बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर फ्रेडरिक जेम्स हेलिडे के गया आगमन पर इसकी स्थापना की गई थी। इसके निर्माण में 8,854 खर्च हुए थे।सन 1955 में इसे जिला केंद्रीय पुस्तकालय का दर्जा प्राप्त हुआ। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सन 1986 में प्रमंडलीय पुस्तकालय का दर्जा दिया।
पुस्तकालय में लगभग 37000 पुस्तकें उपलब्ध है। प्रतिदिन सुबह-शाम प्रतियोगी छात्र-छात्राएं पुस्तकालय में आकर अध्ययन एवं पठन-पाठन करते हैं। पुस्तकालय के आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 33 लाख 53 हजार 600 रुपए की राशि भवन निर्माण विभाग को दी गई है। विधायक ने किताबों को विद्यार्थियों के सुविधा के लिए सेक्शन वाइज रखने की सलाह दी ताकि उन्हें किताब ढूंढने में आसानी हो सके। साथ ही उन्होंने लाइब्रेरी को मिलने वाले अनुदान के बारे में जानकारी ली।वर्ष में 50000 अनुदान प्राप्त होता है।इतनी कम राशि से पुस्तकालय का संचालन करना असंभव है।
पुस्तकालय अध्यक्ष ने विधायक को पुस्तकालय की समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि सीमित संसाधन के कारण पुस्तकें विद्यार्थियों के पहुंच से बाहर है। विद्यार्थियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है उसके मुताबिक बैठने में भी समस्या उत्पन्न हो रही है। वायरिंग भी पुराना हो चुका है। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए पुस्तकालय परिसर के भाग में वाचनालय का निर्माण कराने का सुझाव दिया।
विधायक ने पुस्तकालय के संचालन में आ रही परेशानियों को दूर करने का आश्वासन देते हुए विधायक निधि से 5 लाख रुपये की राशि से वाचनालय निर्माण करने की घोषणा की। इस दौरान विधायक ने उपस्थित लाइब्रेरी में पेयजल, साफ सफाई और विद्युत प्रकाश की व्यवस्था को दुरुस्त और पुख्ता बनाने की हिदायत देते हुए बताया कि मगध प्रमंडल का इकलौता प्रमंडलीय पुस्तकालय को संरक्षित करने की जरूरत है ताकि आगामी पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने पुस्तकालय संभव के निर्माण के लिए राज्य सरकार से सहायता देने का भरोसा दिलाया।