उन्होंने कहा कि देश में किडनी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है। देश की पूरी आबादी में 17 प्रतिशत मरीजों में किडनी की समस्या है. किडनी मरीजों के लिए...
पटना : जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने राज्य में किडनी मरीजों के लिए सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के शुरुआत की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश में किडनी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है। देश की पूरी आबादी में 17 प्रतिशत मरीजों में किडनी की समस्या है। इनका इलाज डायलिसिस एवं ट्रांसप्लांट है। बिहार में भी किडनी मरीजों की संख्या 17 प्रतिशत से भी अधिक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 15 लाख से अधिक बच्चे किडनी रोग से पीड़ित हैं। यह एक भयावह स्थिति है और इससे निबटने के लिए बहुस्तरीय योजनाओं का निर्माण व क्रियान्वयन बेहद जरुरी है।
प्रो. नंदन ने कहा कि बिहार में अभी तक किडनी के लिए आईजीआईएमएस है, जहां बेहतर इलाज की व्यवस्था है। माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से यह अस्पताल प्रभावी इलाज कर रहा है। उन्होंने कहा कि किडनी की बीमारी ऐसी है कि न सिर्फ पीड़ित परेशान होता है बल्कि पूरे परिवार में शारीरिक, मानसिक और आर्थिक खोखलापन आ जाता है। ऐसे बिहार में किडनी मरीजों के लिए अतिआधुनिक अस्पताल की जरुरत है। बिहार में किडनी के कई स्पेशलिस्ट चिकित्सक हैं। इसलिए यहां सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कर इन सभी डॉक्टरों को जोड़ा जाना चाहिए, जिससे जनता का बोझ कुछ कम हो।
इसके अलावा प्रो. नंदन ने किडनी प्रत्यारोपण की शर्तों में भी बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही नॉन रिलेटेड किडनी ट्रांसप्लांट की नीति लागू है। बिहार में इसे लागू करने की मांग मैंने 2 जुलाई 2019 को विधान परिषद में उठाई थी। साथ ही पश्चिम बंगाल की तर्ज पर नॉन रिलेटेड किडनी ट्रांसप्लांट की नीति को बिहार में लागू करने की भी मांग की थी। तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आश्वासन तो दिया लेकिन कोई भी काम इम्प्लीमेंट नहीं किया, जबकि यह उन्हीं की जिम्मेदारी थी। मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में भाजपा बिहार के आधा दर्जन से अधिक मंत्री रहे हैं लेकिन इतने मंत्री होने के बाद भी ये पटना एम्स में किडनी के इलाज की पूरी व्यवस्था लागू नहीं करा सके। एम्स पटना में किडनी रोग के इलाज की पूरी व्यवस्था 2017 से ही उपलब्ध है। विभाग तैयार हो चुका है। इक्विप्मेंट्स भी हैं। लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण वहां इलाज नहीं हो पा रहा है।
प्रो. नंदन ने बिहार भाजपा कोटे के केंद्रीय मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों को बिहार की जनता से कोई वास्ता नहीं है। वोट लेने के बाद ये दिल्लीवासी हो जाते हैं। उसके बाद सिर्फ चुनाव के वक्त ही वोट के लिए जनता की इन्हें याद आती है। इन मंत्रियों की सुस्ती लगातार बिहार की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
प्रो. नंदन ने सीएम नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि राज्य सरकार खुद पहल कर के किडनी मरीजों के लिए पीजीआई चंडीगढ़, पीजीआई लखनऊ, दिल्ली एम्स, अपोलो जैसी सुविधाओं वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कराए। यह बिहार की करोड़ों जनता के लिए वरदान साबित हो सकता है। क्योंकि यह बीमारी मरीज के साथ पूरे परिवार को खोखला कर रही है। साथ ही पश्चिम बंगाल की तरह इमोशनल लेवल पर नॉन रिलेटेड किडनी ट्रांसप्लांट पॉलिसी का प्रावधान करने की कृपा की जाए।