आज एसआईएस देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं में शीर्ष 10 (top 10) में है ।
Patna: SIS एक 11,000 करोड़ की सूचीबद्ध (एनएसई, बीएसई) बिहारी बहुराष्ट्रीय कंपनी (Bihari multinational) है जो भारत, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और न्यूजीलैंड में कार्यरत हैं। इसकी स्थापना आर के सिन्हा ने 1974 में पटना, बिहार में की थी। आज कंपनी भारत के शीर्ष पांच निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं में अपना स्थान रखती है जिसमें 283000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं जिसमें 50000 से अधिक बिहारी भी शामिल हैं। हमारी बेहतर कार्य संस्कृति और वातावरण के कारण एसआईएस को "ग्रेट प्लेस टू वर्क" द्वारा "भारत में काम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनियों" में चौथे स्थान एवं “महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थलों में से एक”के रूप में भी मान्यता दी गई। आज एसआईएस देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं में शीर्ष 10 (top 10) में है ।
SIS ग्रुप ने 30 जून 2023 को पटना के होटल मौर्या में 39वीं वार्षिक आम सभा का आयोजन किया। एजीएम की अध्यक्षता समूह के संस्थापक अध्यक्ष एवं राज्यसभा के पूर्व सदस्य रवींद्र किशोर सिन्हा ने की। SIS ग्रुप ने वित्तीय वर्ष 2023 में अपने इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया| कंपनी का राजस्व ₹11,000 करोड़, लगभग 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया। एसआईएस ग्रुप का राजस्व FY22 के ₹10,059 करोड़ से 12.8% बढ़ कर FY23 में ₹11,346 करोड़ हो गया ।
अपने अथक प्रयास एवं काम में पारदर्शिता के कारण आज SIS भारत वर्ष में निजी सुरक्षा प्रदान करने वाली कंपनियों एवं सुविधा प्रबंधन (Facility Management) प्रदाता कंपनियों में प्रथम स्थान पर है। SIS जल्द ही कैश मैनेजमेंट प्रदान करने वाली कंपनियों में प्रथम स्थान पाने का लक्ष्य रखती है।
यह ज्ञात है कि आर के सिन्हा ने सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के विचार से SIS की स्थापना की थी जो SIS में कार्यरत सहयोगियों एवं उनके परिजनों के संतोष में झलकता है। बिहार से शुरू होने वाली कंपनियों में आज SIS सबसे अधिक टैक्स, भविष्य निधि एवं ईएसआईसी जमा करने वाली कंपनियों में एक है साथ ही साथ यह बिहार के लोगो को रोज़गार देने में वर्षों से अग्रणी है। इस वर्ष SIS ने बिहार में बिहार के लोगों के लिये 10000 नये रोज़गार देने का लक्ष्य रखा है। SIS ने बिहार में अपने दो प्रशिक्षण केंद्र खोल रखे हैं जिसमे बिहार के लोगों के कौशल विकास (skill development) पर कार्य कर उन्हें रोज़गार के लिये तैयार भी किया जाता है।