बरामदे के निर्माण का निर्देश और मुख्य अभियंता के खिलाफ अवमानना नोटिस पर भी रोक
Supreme Court News In Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट रूम के बाहर एक बरामदा बनाने का निर्देश दिया गया था।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश दिया जब चंडीगढ़ प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख करते हुए तर्क दिया कि इस निर्माण से चंडीगढ़ कैपिटल काम्प्लेक्स की यूनिस्को विश्व धरोहर स्थिति प्रभावित हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य अभियंता को इस आदेश का पालन न करने के लिए हाईकोर्ट द्वारा जारी अवमानना नोटिस पर भी रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा,बरामदे के निर्माण का निर्देश और मुख्य अभियंता के खिलाफ अवमानना नोटिस स्थगित रहेगा।
चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स, जिसका डिज़ाइन प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ले कॉर्बुज़िए ने तैयार किया था, 2016 में यूनिस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ था। हाई कोर्ट भवन को इसके अद्वितीय वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक महत्व के लिए सराहा गया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने तर्क दिया कि बरामदे का निर्माण इस इमारत के ऐतिहासिक स्वरूप को बदल सकता है और इसके अंतरराष्ट्रीय हेरिटेज स्टेटस को खतरा हो सकता है।
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश हुए, ने कहा यह निर्माण न तो बार की जरूरत है और न ही इसका कोई उपयोग है। हम सभी को यह समझना चाहिए कि यह इमारत विश्व धरोहर का दर्जा रखती है और इसके स्वरूप में बदलाव करना उचित नहीं है।
पिछले साल 29 नवंबर को हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि कोर्ट रूम नंबर एक के सामने उसी प्रकार का बरामदा बनाया जाए जैसा कोर्ट रूम नंबर दो से नौ के सामने है। यह आदेश हाईकोर्ट परिसर में बुनियादी ढांचे से संबंधित एक मामले में दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
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