मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि चंडीगढ़ शहरी नियोजन का एक उत्कृष्ट नमूना है।
CJI DY Chandrachud News In Hindi: मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ चंडीगढ़ पीजीआई के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यहां उन्होंने 80 डॉक्टरों को मेडल देकर सम्मानित किया और 508 डॉक्टरों को डिग्री दी। चंडीगढ़ पीजीआई के इतिहास में यह पहली बार है कि कोई मुख्य न्यायाधीश संस्थान के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि चंडीगढ़ शहरी नियोजन का एक उत्कृष्ट नमूना है। कैपिटल कॉम्प्लेक्स, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, सुखना झील इसके अच्छे उदाहरण हैं। जब उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में इस दीक्षांत समारोह का निमंत्रण मिला तो उन्हें अपने जीवन की एक घटना याद आ गई।
उन्होंने बताया कि 2021 में वह अपने परिवार के साथ शिमला घूमने जा रहे थे। तभी उनकी बेटी प्रियंका को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद उन्हें उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका 6 हफ्ते तक इलाज चला। मेरी पत्नी बच्चों के साथ यहीं रहती थी और मैं सप्ताहांत पर अपना काम खत्म करने के बाद यहां आता था।
एक दिन मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि सुबह करीब 3:00 बजे हमारी बेटी को कुछ परेशानी हुई और 5 मिनट के अंदर डॉक्टरों की पूरी टीम वहां मौजूद थी। फिर मैंने सोचा कि ये डॉक्टर कब सोते हैं? जब मेरी बेटी इलाज के बाद हंसते हुए चली गई तो मुझे एहसास हुआ कि जो भी यहां इलाज के लिए आता है, वह हंसते हुए वापस जाता है।
कानून और स्वास्थ्य सेवाओं का लक्ष्य एक ही है। दोनों में हमें समाज की भलाई के लिए काम करना है।' जिस तरह हम किसी भी मामले की सुनवाई गवाहों और सबूतों के आधार पर करते हैं, उसी तरह डॉक्टर किसी मरीज का इलाज उसकी टेस्ट रिपोर्ट और लक्षणों के आधार पर करते हैं।
इससे मुझे एक बात सीखने को मिली, वह फिल्म का किरदार मुन्ना। वह बच्चों के वार्ड में जाता है। जहां एक बच्चा काफी तनाव में था। वह उसे प्यार से अपने विश्वास में लेता है। जिसे वे जादू की झप्पी कहते हैं। उसी प्रकार डॉक्टर के पास आने वाले मरीज के साथ भी डॉक्टर को ऐसा ही रिश्ता बनाना चाहिए ताकि मरीज को अपनी समस्या बताने में कोई परेशानी न हो।
पीजीआई पहुंचने से पहले उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह राष्ट्रीय सम्मेलन न्यायालय में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर आयोजित किया गया है। जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से जज पहुंचे हैं। इस मौके पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि टेक्नोलॉजी के जरिए न्यायपालिका को आम नागरिकों तक पहुंचाने में अहम योगदान होगा। सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। ई-कोर्ट का तीसरा चरण शुरू होने वाला है। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए 7000 करोड़ रुपये का बजट भी दिया गया है।
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