हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव 19 जनवरी को होने वाले हैं।
Punjab Haryana High Court: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आगामी चुनावों में अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल की याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार व गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त को 23 दिसम्बर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अकाली दल को अयोग्य ठहराने का आधार यह है कि वह चुनाव आयोग में प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल है, जिसके चलते उसे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव 19 जनवरी को होने वाले हैं। इस याचिका को अकाली दल के प्रतिनिधि दलजीत सिंह चीमा निवासी जालंधर ने दायर किया है। याचिका में सवाल उठाया गया है कि क्या किसी राजनीतिक दल, जो प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत पंजीकृत है, उसे केवल "राजनीतिक पार्टी" के रूप में मान्यता के आधार पर धार्मिक निकाय के चुनाव में भाग लेने से अयोग्य ठहराया जा सकता है।
याचिका में 18 सितंबर 2023 के आदेश को रद करने की मांग की गई है, जिसके तहत चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 29-30 के उल्लंघन के आधार पर असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि यह आदेश राजनीतिक दलों और अन्य सिख संगठनों के बीच भेदभाव पैदा करता है।
अकाली दल का कहना है कि गुरुद्वारा आयोग हरियाणा ने अपनी शक्तियों का अतिक्रमण किया है और 2014 के हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन अधिनियम की धारा-10 में निर्धारित योग्यता मानदंड को फिर से लिख दिया। यह कार्य केवल राज्य विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में आता है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2023 के नियमों के तहत आयोग का कार्य केवल मतदाता सूची बनाना, चुनावी प्रतीक देना था, ना कि योग्यता मानदंड निर्धारित करना।
अकाली दल ने यह भी मांग की है कि चुनाव आयोग पार्टी या उसके प्रतिनिधियों को चुनावी प्रतीक आवंटित करे और उन्हें चुनावों में भाग लेने की अनुमति दी जाए, भले ही वह राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत है।
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