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जमानत की ऐसी कोई शर्त नहीं हो सकती जो पुलिस को किसी आपराधिक मामले में आरोपी के निजी जीवन पर गौर करने की इजाजत दे।
Supreme Court News in Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत की ऐसी कोई शर्त नहीं हो सकती जो पुलिस को किसी आपराधिक मामले में आरोपी के निजी जीवन पर गौर करने की इजाजत दे।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उजल भुइयां की बेंच ने उस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त को खारिज कर दिया, जहां एक नाइजीरियाई नागरिक को नशीली दवाओं से संबंधित मामले में एक जांच अधिकारी के साथ अपना Google मैप पिन शेयर करने के लिए कहा गया था फैसला सुनाते हुए जस्टिस ओका ने कहा, 'ऐसी कोई भी शर्त नहीं हो सकती जो जमानत के उद्देश्य को विफल कर दे।
हमारा विचार है कि Google पिन प्रदान करना जमानत की शर्त नहीं हो सकती। जमानत की ऐसी कोई शर्त नहीं हो सकती जो पुलिस को आरोपी की गतिविधियों पर लगातार नजर रखने की इजाजत दे। पुलिस को जमानत पर छूटे किसी आरोपी की निजी जिंदगी पर नजर डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती। 'शीर्ष अदालत ने नशीली दवाओं से संबंधित मामले में जमानत की शर्त को चुनौती देने वाले नाइजीरियाई नागरिक फ्रैंक व्हाइट्स के आवेदन पर फैसला सुनाया
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