धनखड़ ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की।
New Delhi: संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया तथा अडाणी समूह के बारे में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर जेपीसी गठित करने की मांग पर विपक्ष के हंगामे तथा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाल में लंदन में दिये गये बयान पर उनसे माफी मंगवाने की मांग पर सत्ता पक्ष के अड़े रहने के कारण शुक्रवार को भी दोनों सदनों में गतिरोध जारी रहा। लोकसभा एवं राज्यसभा, दोनों ही सदनों में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण पूरे सप्ताह एक भी दिन प्रश्नकाल एवं शून्यकाल समान्य ढंग से नहीं चल पाये और कोई महत्वपूर्ण विधायी कार्य नहीं हो पाया।
लोकसभा में शुक्रवार को सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया और प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी का नाम पुकारा।
इस बीच कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। उधर सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे।
कांग्रेस नेता तिवारी ने पूरक प्रश्न पूछने के लिए सदन में व्यवस्था नहीं होने का उल्लेख किया।
सदन में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी था। सत्ता पक्ष के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे जबकि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य ‘बोलने दो, बोलने दो..राहुल जी को बोलने दो’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। सदन के उप नेता राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से व्यवस्था बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि सदस्यगण सदन चलने दें। उन्होंने कहा, ‘‘आपको नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है।’’
उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था बनेगी तब वे सभी को बोलने का मौका देंगे। बिरला ने सदस्यों से कहा कि इस तरह से खड़े रहेंगे (आसन के पास) तो कार्यवाही नहीं चलेगी।
हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में पूर्वाह्न 11 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व सदस्य कर्णेंदु भट्टाचार्य के निधन का उल्लेख किया। सदन में मौजूद सदस्यों ने भट्टाचार्य के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। सभापति ने इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से उठाए गए व्यवस्था के प्रश्न के तहत सदन के नेता पीयूष गोयल को 13 और 14 मार्च को सदन में किए गए दावों को प्रमाणित करने का निर्देश दिया। धनखड़ ने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता द्वारा उठाए गए व्यवस्था के प्रश्न के संबंध में, मुझे लगता है कि सदन के नेता को इस मुद्दे पर 13 और 14 मार्च को उनके द्वारा किए गए दावों को प्रमाणित करने का निर्देश देना उचित है।’’
धनखड़ ने कहा कि अडाणी समूह से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त संसदीय समिति गठित करने में सरकार की विफलता को लेकर 11 सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है।
उनके मुताबिक नोटिस देने वालों में कांग्रेस के नीरज डांगी, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन, रंजीत रंजन, के सी वेणुगोपाल और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ सदस्य शामिल थे। धनखड़ ने कहा कि बहुत सोच-विचार करने के बाद उन्होंने किसी भी नोटिस को स्वीकार नहीं किया है। सभापति के यह कहने पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरु कर दी। इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी की भारतीय लोकतंत्र को लेकर लंदन में की गई उनकी टिप्पणी का मुद्दा उठाया और यह कहते हुए हंगामा करने लगे कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष माफी मांगें।
धनखड़ ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक 11 बजकर करीब 17 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। ज्ञात हो कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष के सदस्य लंदन में राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विदेशी दौरों के दौरान पूर्व में भारत को लेकर की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार किया है। विपक्षी सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मुद्दों पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर लगातार हंगामा और नारेबाजी कर रहे हैं।
इस सप्ताह के दौरान कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ने राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ एक विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। यह नोटिस गोयल द्वारा लोकसभा सदस्य राहुल गांधी के बयान का उच्च सदन में उल्लेख करने के लिए दिया गया है। इस बीच कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद भवन के परिसर में धरना दिया। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद विपक्षी सदस्यों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया।
इस धरने में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, खरगे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिवसेना (उद्धव) की सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी तथा कई अन्य सांसद शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे भी लगाए गए।