
दिल्ली में भाजपा आखिरी बार 1998 में सत्ता में थी, जब सुषमा स्वराज के रूप में भाजपा की एक महिला मुख्यमंत्री थीं।
Rekha Gupta BJP Masterstroke party has made a big strategy News In Hindi: रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का मास्टरस्ट्रोक है। इसके कई पहलू हैं। यह एक तीर से कई लक्ष्यों पर हमला करने जैसा है। माना जा रहा है कि इस फैसले का असर सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल तक के चुनावों पर भी पड़ेगा। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में भाजपा की वापसी हुई है, इसलिए पार्टी ने बड़ी रणनीति बनाई है। भाजपा 1998 में अधूरा छोड़ा गया अपना मिशन पूरा करना चाहती है।
दिल्ली में भाजपा आखिरी बार 1998 में सत्ता में थी, जब सुषमा स्वराज के रूप में भाजपा की एक महिला मुख्यमंत्री थीं। अब लंबे वनवास के बाद पार्टी ने एक बार फिर दिल्ली की बागडोर एक महिला को सौंपी है तो संकेत साफ है। 1993 से 1998 तक पांच वर्ष की अवधि में तीन मुख्यमंत्री बने। मदन लाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा के बाद भाजपा ने दिल्ली की सत्ता सुषमा स्वराज को सौंप दी। फिर दिल्ली में भाजपा का मिशन अधूरा रह गया।
रेखा गुप्ता को सीएम बनाने की भाजपा की रणनीति
अब रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला भले ही दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा हो, लेकिन पहली नजर में उनका चुनावसुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि है और एक महिला को बागडोर सौंपने की परंपरा का सिलसिला भी है। इसे संयोग ही कहें कि सुषमा स्वराज के बाद भले ही दिल्ली की सत्ता कांग्रेस के हाथ में चली गई, लेकिन शीला दीक्षित के रूप में एक महिला चेहरा अभी भी गद्दी पर बैठी है। भाजपा ने पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बनाए, जबकि कांग्रेस ने केवल शीला दीक्षित को तीन बार मुख्यमंत्री बनाया। शीला ने दिल्ली में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित किया और विकास का आधुनिक चेहरा बनीं।
अब 2025 में इतिहास एक बार फिर खुद को दोहराता हुआ प्रतीत हो रहा है। आम आदमी पार्टी की पूर्व महिला मुख्यमंत्री आतिशी से सत्ता भाजपा की रेखा गुप्ता को हस्तांतरित हो रही है। दिल्ली में एक महिला द्वारा दूसरी महिला को सत्ता सौंपने की यह कहानी सचमुच एक संयोग से कम नहीं है।
हालांकि रेखा गुप्ता के नाम की घोषणा से पहले पार्टी के शीर्ष नेताओं और पर्यवेक्षकों की बैठकों का लंबा दौर बुधवार देर शाम तक चला। फिर लंबे सस्पेंस के बाद आखिरकार रेखा गुप्ता को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया और मुख्यमंत्री की घोषणा ऐसे हुई जैसे दिल्ली में बिग बॉस का ग्रैंड फिनाले चल रहा हो। पहले सात नाम दौड़ में शामिल हुए। फिर पांच नाम आये। इसके बाद तीन नाम शॉर्टलिस्ट किए गए- प्रवेश वर्मा, बिजेंद्र गुप्ता और रेखा गुप्ता। इसके बाद यह बात सामने आई कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कोई वैश्य ही होगा। इस प्रकार गुप्ता बनाम गुप्ता के बीच दौड़ शुरू हो गई और अंत में रेखा गुप्ता का नाम विजेता के रूप में सामने आया।
नाम की घोषणा होते ही रेखा गुप्ता को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। रेखा गुप्ता के करीबी दोस्तों और समर्थकों ने उनके घर और कॉलोनी में जश्न मनाना शुरू कर दिया। मिठाइयाँ बाँटने लगीं। उन्होंने ढोल बजाना शुरू कर दिया। लोग नाचने और झूमने लगे। जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और अरविंद केजरीवाल ने भी रेखा गुप्ता को बधाई दी। अरविंद केजरीवाल ने विकास कार्यों में दिल्ली सरकार को रचनात्मक सहयोग देने का भी वादा किया। इस बीच रेखा गुप्ता ने कहा कि मैं दिल्ली के विकास के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हूं। शपथ लेने से पहले रेखा गुप्ता का दिल्ली से यह पहला वादा था।