मंगलवार को होने वाली बैठक के एजेंडे अनुसार, डीएमसी अधिनियम, 1957 (2022 में संशोधित) के अनुसार मनोनीत पार्षद और सदस्य शपथ लेंगे।
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में हाल में संपन्न हुए नगर निगम चुनाव के बाद आज यानी मंगलवार को सदन की फिर से एक बैठक होगी, जिसमें दिल्ली के महापौर और उप महापौर को चुने जाने की संभावना है। महापौर के चुनाव के बाद पूरी दिल्ली का 10 साल बाद एक महापौर होगा।
महापौर और उपमहापौर का चुनाव नगर निगम चुनाव के बाद निर्वाचित 250 सदस्यों की छह जनवरी को हुई पहली बैठक में किया जाना था, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के एक दूसरे से भिड़ जाने और हंगामा करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी थी जिस कारण महापौर तथा उपमहापौर का चुनाव नहीं हो सका था।.
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा साझा किए गए कार्यक्रम के अनुसार पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होगी।
पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सोमवार को बताया था कि पिछली बैठक में ‘आप’ के घोर विरोध के बावजूद उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त ‘एल्डरमैन’ पहले शपथ लेंगे।
मंगलवार को होने वाली बैठक के एजेंडे अनुसार, डीएमसी अधिनियम, 1957 (2022 में संशोधित) के अनुसार मनोनीत पार्षद और सदस्य शपथ लेंगे। हालांकि, यह कानून शपथ ग्रहण के क्रम को निर्दिष्ट नहीं करता है।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव चार दिसंबर को हुए थे और मतगणना सात दिसंबर को हुई थी। ‘आप’ ने 134 वार्ड जीतकर एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया था।
भाजपा ने एमसीडी के 250 सदस्यीय सदन में 104 वार्ड में जबकि कांग्रेस ने नौ वार्ड में जीत दर्ज की।
महापौर पद के प्रत्याशियों में शैली ओबरॉय और आशु ठाकुर (आप) तथा रेखा गुप्ता (भाजपा) शामिल हैं। उम्मीदवारों को देखते हुए दिल्ली को महिला महापौर मिलना तय है।
उपमहापौर पद के प्रत्याशियों में आले मोहम्मद इकबाल और जलज कुमार (आप) तथा कमल बागड़ी (भाजपा) शामिल हैं। महापौर और उपमहापौर के अलावा एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों के भी 24 जनवरी को सदन की बैठक के दौरान निर्वाचित होने की संभावना है।
नवनिर्वाचित एमसीडी सदस्यों की पहली बैठक महापौर और उपमहापौर का चुनाव किए बगैर स्थगित हो गयी थी। ‘आप’ पार्षदों ने पहले 10 मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने के पीठासीन अधिकारी के फैसले का विरोध किया।
दिल्ली नगर निगम का गठन अप्रैल 1958 में हुआ था और उसके महापौर के पास 2012 तक प्रभावशाली शक्तियां थीं। वर्ष 2012 में निगम का तीन अलग-अलग नगर निगमों में विभाजन हुआ और प्रत्येक निगम का अपना महापौर बना, लेकिन 2022 में केंद्र ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का विलय कर दिया गया। हालांकि इसमें वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गयी।
महापौर के चुनाव के लिए दिल्ली के 250 पार्षद, सात लोकसभा तथा तीन राज्यसभा सांसद और विधानसभा द्वारा मनोनीत 14 विधायक मतदान करेंगे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के एक विधायक और ‘आप’ के 13 विधायकों को मतदान करने के लिए नामित किया है।