याचिका में दावा किया गया है कि इससे ध्वनि प्रदूषण होता है और यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के जरिये ‘अजान’ देने पर रोक लगाने हेतु दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए.जे.देसाई और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की पीठ ने सोमवार को बजंरग दल नेता शक्तिसिंह जाला की याचिका को जनहित याचिका में शामिल करने की अनुमति दे दी। अदालत ने यह अनुमति मूल याचिकाकर्ता धर्मेंद्र प्रजापति द्वारा धमकी के मद्देनजर याचिका वापस लिए जाने के बाद दी।
जाला के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि मूल याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति में उन्हें याचिका में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
अदालत ने मामले को 12 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि गुजरात के मस्जिदों में लाउडस्पीकर के जरिये ‘अजान’ देने पर रोक लगाई जाए। याचिका में दावा किया गया है कि इससे ध्वनि प्रदूषण होता है और यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि ‘मुअज्जिन’ (अजान देने वाला व्यक्ति) उनका पड़ोसी है और वह रोजाना पांच बार ‘अजान’ देता है जिससे उन्हें ‘बहुत असुविधा’ होती है।