सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं किए गए है।
Chandigarh: हरियाणा में 125 से ज्यादा नहरों को डेंजर प्वाइंट घोषित किया गया है लेकिन हैरानी की बात है कि ज्यादातर जगह पर न चेतावनी बोर्ड, न चेन, न दीवार और न ही रेलिंग लगे है। इस कारण राज्य में आए दिन कहीं न कहीं हादसे होते रहते है. प्रदेश में ज्यादातर नहरों के किनारे खुले छोड़े गए है। सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं किए गए है।
वहीं प्रदेश में सिरसा, कुरुक्षेत्र व अम्बाला को छोड़कर ज्यादातर जिलों में गोताखोर भी नहीं है। ऐसे में सिंचाई विभाग को दूसरे जिलों व पुलिस के गोताखोरों की मदद लेनी पड़ती है।
बता दें कि अलग-अलग जिलों में प्रशासन व पुलिस की तरफ से धारा-188 व धारा-144 के तहत नहरों में नहाने पर निषेधाज्ञा लागू की जाती है और इसमे रूल तोड़ने पर एक साल की कैद व जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, कई जगह पुलिस कर्मियों व डायल-112 टीम की ड्यूटी लगाई जाती है, जो नहाने से रोकते है।
आपको बता दें कि पिछले एक साल में प्रदेश भर में हादसों में 66 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। फतेहाबाद जिला जहां से कुल 80 नहरें गुजरती हैं, यहां पर भी कोई डेंजर प्वाइंट चिन्हित ही नहीं किए है. वहीं पानीपत में 21 खतरनाक प्वाइंट चयनित किए गए है। इसके बाद जींद में 16, कैथल में 10, हिसार में 10, सिरसा में 10, कुरुक्षेत्र में 8, भिवानी में 8, रेवाड़ी में 8 डेंजर प्वाइंट चिन्हित किए।
जिला पानीपत में 35 किमी. एरिया में नहर गुजरती है। जिसमें 21 से ज्यादा डेंजर प्वाइंट हैं। पानीपत में गर्मी के सीजन में नहर में डूबने से हर माह 14 से 16 लोगों की मौत होती है, लेकिन कार्रवाई तो दूर कहीं कोई हिदायत बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। वहीं एक साल में 20 शव दूसरे जिलाें एवं पंजाब से बहकर हिसार की नहर से बरामद हुए हैं। इनमें अधिकतर की शिनाख्त हाे चुकी है।