पिंकी ने कहा कि उनके जीवन में सबसे बड़ा बदलाव 2005 में आया, जब उन्हें शिक्षा का महत्व समझ में आया।
Himachal Pradesh Pinki Haryan Success Story News In Hindi: जो बेटी कभी अपने घर को चलाने के लिए अपनी मां के साथ सड़कों पर भीख मांगती थी वह आज डॉक्टर बनकर घर लौट आई है। ये कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी जरूर लगती होगी, लेकिन ये जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की रहने वाली पिंकी हरयान ने असल जिंदगी में ऐसा कर दिखाया है। जिसके बाद उनके चर्चे सोशल मीडिया पर हो रही है। वहीं उनकी इस काबिलियात को देखकर हर कोई उनसे प्रेरणा ले रहा है।
गौर हो कि जो हाथ कभी भीख मांगने के लिए उठते थे, वे अब लाखों बीमारों को ठीक करेंगे। स्कूल जाने वाली भिखारी बेटी अब इतनी अच्छी अंग्रेजी बोलती और लिखती है कि हर कोई हैरान रह जाता है। (Himachal Pradesh Doctor Pinki Haryan)
पिंकी की जिंदगी बदलने वाली यात्रा तब शुरू हुई जब वह महज साढ़े चार साल की थी। उस समय पिंकी अपनी मां के साथ मैक्लोडगंज की सड़कों पर भीख मांगती थी। इस कठिन परिस्थिति में तिब्बती संगठन टोंग-लेन ने पिंकी की मदद के लिए हाथ बढ़ाया और उसे अपने हॉस्टल में रहने की जगह दी। (Himachal Pradesh Doctor Pinki Haryan)
यहीं से पिंकी की जिंदगी में नया मोड़ आया और उन्होंने पढ़ाई में खुद को साबित किया। 2018 में संस्थान ने पिंकी को चीन के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाया, जहां से छह साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। अब पिंकी ने अपनी डिग्री पूरी कर ली है और डॉक्टर बन गई हैं। एमबीबीएस की डिग्री पूरी कर विदेश से लौटने के बाद गुरुवार को पिंकी ने धर्मशाला में मीडिया से बातचीत की। यहां पिंकी ने अपनी जीवन यात्रा के उतार-चढ़ाव को साझा किया।(Himachal Pradesh Doctor Pinki Haryan)
पिंकी ने कहा कि तिब्बती शरणार्थी भिक्षु जामयांग ने उनकी यात्रा में अहम भूमिका निभाई। जामयांग टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक हैं। उन्होंने पिंकी की जिंदगी को पूरी तरह बदलने में अहम भूमिका निभाई।(Himachal Pradesh Doctor Pinki Haryan)
हालाँकि, पिंकी की राह हमेशा आसान नहीं थी। उन्होंने नीट परीक्षा तो पास कर ली थी, लेकिन प्राइवेट कॉलेज की भारी फीस का बोझ परिवार सहन नहीं कर सका। इस कठिन समय में भिक्षु जामयांग और अन्य दानदाताओं ने उनकी मदद की, जिससे पिंकी का सपना सच हो गया।
पत्रकारों से बात करते हुए पिंकी ने कहा कि उनके जीवन में सबसे बड़ा बदलाव 2005 में आया, जब उन्हें शिक्षा का महत्व समझ में आया। उन्होंने अपने माता-पिता और उनकी मदद करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया।(Himachal Pradesh Doctor Pinki Haryan)
आज पिंकी का परिवार भी बेहतर स्थिति में है और उसका छोटा भाई और बहन भी आधुनिक सुविधाओं से लैस टोंग-लेन स्कूल में पढ़ रहे हैं। स्कूल का उद्घाटन 2011 में दलाई लामा ने किया था।(Himachal Pradesh Doctor Pinki Haryan)
पिंकी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि डॉक्टर कैसे बनते हैं। लेकिन संस्था और वहां के लोग उनकी मदद के लिए हमेशा मौजूद रहते थे। पिंकी हरयान की सफलता न केवल धर्मशाला बल्कि पूरे हिमाचल और देश के बच्चों के लिए गर्व की बात है।
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