
हिमाचल सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
Himachal News In Hindi : हिमाचल सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए विधानसभा में दो विधेयक पेश किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (रोकथाम एवं नियंत्रण) विधेयक 2025 पेश किया, जिसके तहत नशा तस्करों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, यह भी कहा गया कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग या अन्य अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति को जब्त कर लिया जाना चाहिए।
हिमाचल सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सरकार नशे के आदी लोगों के पुनर्वास की जिम्मेदारी भी लेगी। इस संबंध में सुख्खु सरकार ने बुधवार को शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा में दो विधेयक पेश किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, नशे की लत पैदा करने वाली प्रतिबंधित दवाओं का परिवहन, आपूर्ति या उन्हें रखने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा।
इसके अलावा अवैध खनन, वन्य जीव तस्करी, मानव तस्करी, झूठे दस्तावेजों के साथ काम करना, मानव अंगों की तस्करी, खतरनाक पदार्थों की डंपिंग और बौद्धिक संपदा की जालसाजी के मामले में हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम की धाराओं के तहत सजा दी जाएगी। यदि कोई संगठित अपराध गिरोह या गिरोह का कोई सदस्य हिंसा करता है जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो जाती है, तो सजा आजीवन कारावास या मृत्युदंड हो सकती है।
सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग या अन्य अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। अपराध की प्रकृति के आधार पर सज़ा छह महीने, एक वर्ष, दो वर्ष या 10 वर्ष हो सकती है। विधेयक में सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों के 500 मीटर के दायरे में तंबाकू या अन्य दवाओं या पदार्थों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने सदन में हिमाचल प्रदेश स्वापक औषधि एवं नियंत्रित पदार्थ (नशा मुक्ति पुनर्वास) विधेयक, 2025 पेश किया।
विधेयक पारित होने के बाद सरकार नशे की लत से पीड़ित लोगों का पुनर्वास करेगी। सरकार को पुनर्वास केंद्र खोलने का अधिकार होगा। इसके लिए केन्द्र, राज्य सरकार और सीएसआर से अनुदान एवं धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना के लिए एक कोष बनाया जाएगा। यदि कोई सरकारी कर्मचारी मादक पदार्थ के साथ पकड़ा जाता है तो उसे निर्धारित सजा से डेढ़ गुना अधिक सजा तथा उतनी ही राशि का जुर्माना लगाया जाएगा।
यदि 18 वर्ष से कम आयु के युवा मादक पदार्थ के साथ पकड़े गए तो उन्हें भी सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर दंडित किया जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा।
(For ore news apart From Sukhu government introduced Organized Crime Bill-2025 Himachal Pradesh News In HIndi, stay tuned to Spokesman Hindi)