रांची में प्रदीप मोदी नामक एक व्यक्ति ने राहुल गांधी के खिलाफ निचली अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ वाले उनके बयान से जुड़े मानहानि के मामले में मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी। न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने इस मामले में राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ अगले आदेश तक किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय अब 16 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई करेगा। मानहानि के मामले में पेश होने का निर्देश देने वाली रांची स्थित एमपी-एमएलए अदालत के आदेश को राहुल गांधी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान यहां मोरहाबादी मैदान में एक जनसभा के दौरान अपने भाषण में कथित तौर पर कहा था, ‘‘सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों है?’’
रांची में प्रदीप मोदी नामक एक व्यक्ति ने राहुल गांधी के खिलाफ निचली अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका दायर करने वाले प्रदीप मोदी को मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इसी तरह के एक मामले में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को उनके बयान के लिए गत 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
दोषी ठहराये जाने के बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था। सूरत की अदालत ने तब राहुल गांधी को जमानत दे दी थी।