Jharkhand : आदिवासियों ने 'सरना' कोड की मांग को लेकर की रैली ; दी चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी

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Jharkhand : आदिवासियों ने 'सरना' कोड की मांग को लेकर की रैली ; दी चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी
Published : Mar 13, 2023, 10:58 am IST
Updated : Mar 13, 2023, 10:58 am IST
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Tribals hold rally demanding 'Sarna' code; Election boycott warning (फोटो साभार PTI)
Tribals hold rally demanding 'Sarna' code; Election boycott warning (फोटो साभार PTI)

देशभर से आए आदिवासी समुदाय के पुरुषों/महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में रैली में हिस्सा लिया।

रांची :  झारखंड के विभिन्न जिलों एवं देश के अनेक राज्यों से हजारों की संख्या में आदिवासियों ने रविवार को रांची के मोरहाबादी मैदान पहुंच कर ‘अलग सरना कोड' के लिए हुंकार भरी और लोकसभा चुनाव से पहले जनगणना के फार्म में प्रकृति पूजा से जुड़े सरना धर्म को अलग स्थान नहीं दिए जाने पर आदिवासी समाज द्वारा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी।

आदिवासियों ने आज की रैली में जनगणना में मूल निवासियों के लिए 'सरना' को अलग धर्म के रूप में शामिल करने की अपनी मांग को लेकर विशाल रैली की। देशभर से आए आदिवासी समुदाय के पुरुषों/महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में रैली में हिस्सा लिया।

‘सरना’ धर्म के नेता बंधन टिग्गा ने चेतावनी दी कि यदि आम चुनाव से पहले उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 2024 के लोकसभा चुनावों का आदिवासी समुदाय बहिष्कार करेगा। उन्होंने दावा किया कि जनगणना में एक अलग 'सरना' कोड आदिवासियों के लिए अलग पहचान की कुंजी है क्योंकि इसके बिना उन्हें हिंदू या मुस्लिम या ईसाई के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

टिग्गा ने कहा कि 'सरना' के अनुयायी प्रकृति पूजक हैं और दशकों से अलग धार्मिक पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान (आरएएसडीआरए) के बैनर तले, झारखंड के 17 जिलों के अनेक आदिवासी निकायों के सदस्यों के साथ ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार और असम के भी अनेक आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने 'रैली' में भाग लिया।

रैली का नेतृत्व करने वाले टिग्गा ने कहा कि आदिवासी संगठनों ने कार्यक्रम के लिए झारखंड को चुना क्योंकि यह राज्य देश में "आदिवासी आंदोलन का केंद्र" है। उन्होंने दावा किया, ''इससे पहले हमने दिल्ली में रैली की थी लेकिन केंद्र ने हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया।''

आयोजकों में से एक ने दावा किया कि राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान की मांग को अपना समर्थन देने के लिए पड़ोसी देश नेपाल के 100 से अधिक आदिवासी लोगों ने भी यहां रैली में भाग लिया।

राजी पहाड़ा सरना प्रार्थी सभा (नेपाल) के केंद्रीय अध्यक्ष राम किशुन उरांव ने दावा किया कि वे "भारत में अपने आदिवासी भाइयों की मांग का समर्थन करने के लिए यहां आए हैं।" उन्होंने कहा, "हम भारत सरकार से आदिवासियों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने का आग्रह करते हैं।"

गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा ने 11 नवंबर, 2020 को आदिवासियों के लिए एक अलग 'सरना' कोड के प्रावधान के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था।

टिग्गा ने कहा, ''17 फरवरी, 2023 को पश्चिम बंगाल विधानसभा में इसी तरह का एक प्रस्ताव पारित किया गया था और केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा गया था। ओडिशा और छत्तीसगढ़ भी जल्द ही इसी तरह के प्रस्ताव केंद्र को भेजने की तैयारी कर रहे हैं।'' उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की मूल आदिवासियों की इस मांग को शीघ्रातिशीघ्र पूरा कर उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाए। 

Location: India, Jharkhand, Ranchi

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