इस साल 10 अप्रैल को देवघर में त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और केबल कार में फंसे सभी 60 यात्रियों को बचाने के लिए ...
रांची : झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने देवघर में रोपवे दुर्घटना और रांची में हुई हिंसा की जांच के लिए गठित दो समितियों द्वारा जांच में देरी पर नाराजगी जताते हुए इन मामलों पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। राजभवन ने एक बयान में कहा है कि राज्यपाल ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि दो महीने की समय सीमा के बावजूद समितियों ने राज्य सरकार को कोई जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी।
इस साल 10 अप्रैल को देवघर में त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और केबल कार में फंसे सभी 60 यात्रियों को बचाने के लिए वायु सेना, सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को 46 घंटे लग गए थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर इसी साल जून में रांची में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी और दो दर्जन गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
बुधवार रात जारी बयान में बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान इन दोनों घटनाओं की ओर आकर्षित करते हुए पत्र लिखा है।
बयान के अनुसार, ‘‘राज्यपाल ने उल्लेख किया है कि 10 अप्रैल को देवघर जिले के त्रिकुट पर्वत पर रोपवे दुर्घटना हुई थी। उक्त दुर्घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने 19 अप्रैल को एक समिति गठित की थी। समिति को दो महीने में जांच रिपोर्ट देनी थी।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘इसी प्रकार 10 जून को रांची शहर में साम्प्रदायिक हिंसा एवं पुलिस की गोलीबारी की गंभीर घटना हुई थी। उक्त घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति गठित की थी, जिसे दो महीने में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।’’
हालांकि, अब तक राज्य सरकार को कोई जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।
राजभवन द्वारा मुख्य सचिव से मांगी गई जानकारी के जवाब में देवघर रोपवे दुर्घटना से संबंधित अधूरी रिपोर्ट भेजी गई थी।
बयान में कहा गया है, अखबारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रांची साम्प्रदायिक घटना की जांच के लिए गठित समिति द्वारा जांच को काफी पहले ही रोक दिया गया है। राज्यपाल ने इस तरह की महत्वपूर्ण घटनाओं की जांच में राज्य सरकार के स्तर से कोई निगरानी नहीं किये जाने पर हैरानी जताई है।
इसमें कहा गया है कि राज्यपाल ने राज्य को दोनों मामलों की जांच रिपोर्ट और की गई कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया है।