आलम ने कहा कि “सरकार जिन चीज़ों से सबका ध्यान भटकाना पसंद करती है उनमें से एक है अडानी प्रकरण।
रांची (संवाददाता): झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए प्रधानमंत्री जी ने देश की महिलाओं को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव से ही महिला सशक्तिकरण और महिला बिल को संसद से पारित किये जाने की पक्षधर रही है। आसन्न चुनावों को देखते हुए महिला बिल पारित कराने की याद भारतीय जनता पार्टी को आ गई। महिलाओं को अगर अधिकार और भागीदारी दिलाने की मंशा भारतीय जनता पार्टी को होती तो 2010 में राज्यसभा से पारित बिल को ही लोकसभा में लेकर भाजपा को जाना चाहिए। सब कुछ जानते समझते हुए बल्कि हम यह कह सकते हैं कि चुनावी फायदे के मद्देनजर इस बिल को लाया गया है। इसे उनकी खोटी नियत सामने आ गयी है। अगर हम बिल की ही चर्चा करें तो महिला आरक्षण के पूर्व जनगणना और परिसिमन का होना अनिवार्य है जो वर्तमान परिस्थिति में 2029 के पूर्व संभव ही नहीं है।
हमारी नेत्री आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी ने सदन में नारी शक्ति वंदन अधीनियम-2023 का पूर्ण समर्थन करते हुए यह साफ कर दिया कांग्रेस पार्टी ही वो पार्टी है जो वास्तव में महिला सशक्तिकरण की बात या उसको लागू करने को लेकर काम करती रही है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि आदरणीय सोनिया गांधी ने देश की आधी आबादी के संदर्भ में सदन के अदंर चर्चा करते हुए साफ तौर पर कहा कि धुंए से भरी हुई रसोई से लेकर रोशनी से जगमगाती हुई स्टेडियम तक भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है, लेकिन आखिरकार उसने मंजिल को छू लिया है। उसने जन्म दिया, उसने परिवार चलाया, उसने पुरुषों के बीच तेज दौड़ लगाई और असीम धीरज के साथ अकसर खुद को हारते हुए लेकिन आखिरी बाजी में जीतते हुए देखा। भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है, उसने खुद के साथ हुई बेईमानी की शिकायत नहीं की और सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा।
उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है और मुश्किल वक्त में हिमालय की तरह अडिग रही। स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना नामुमकिन है, वह आराम को नहीं पहचानती और थक जाना भी नहीं जानती। हमारे महान देश की मां है स्त्री, लेकिन स्त्री ने हमें सिर्फ जन्म ही नहीं दिया है, अपने आंसुओं, खून-पसीने से सींच कर हमें अपने बारे में सोचने लायक बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है।
आजादी की लड़ाई और नये भारत के निर्माण में स्त्रियां हर मोर्चे पर पुरूषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी रही हैं। उदाहरण के तौर उन्होंने कहा कि सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी, अरुणा आसफ अली, विजयलक्ष्मी पंडित, राजकुमारी अमृत कौर और उनके साथ तमाम लाखों-लाखों महिलाओं से लेकर आज की तारीख तक स्त्री ने कठिन समय में हर बार महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर और मौलाना आजाद के सपनों को जमीन पर उतार कर दिखाया है। इंदिरा गांधी जी का व्यक्तित्व इस सिलसिले में एक बहुत ही रोशन और जिंदा मिसाल है।
अधीनियम के संदर्भ में उन्होंन कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन स्व. राजीव गांधी जी द्वारा ही लगाया गया था जो सिर्फ सात वोटों से गिर गया था, बाद में कांग्रेस के सरकार ही ने पूर्व प्रधानमंत्री पी0बी निरसिंम्हा राव जी के नेतृत्व में इस बिल को पारित कराया था और इसी संशोधन का परिणाम है देश भर के स्थानीय निकायों में 15 लाख निर्वाचित महिला नेत्री मौजूद है।
कांग्रेस पार्टी मानती है और नारी शक्ति वंदन अधीनियम का पूर्णतया समर्थन करती है और इस बिल के पारित होने से हमें बेहद प्रसन्नता है। परंतु इसके साथ पार्टी चिंतित भी है कि महिला शक्ति विगत 13 वर्षों से राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतेजार कर रही है, उन्हें और इंतेजार करने को कहा जा रहा है। आधी आबादी के साथ सरकार का यह बर्ताव सर्वथा अनुचित है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि यह बिल अविलंब अमल में लाया जाए साथ ही साथ जातिय जनगणना कराकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं ओबीसी महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जाए। हमारे नेता आदरणीय राहुल गांधी जी ने भी महिला आरक्षण विधेयक में महिलाओं के लिए आरक्षित प्रस्तावित 33 प्रतिशत सीटों में अन्य पिछड़ा वर्ग (व्ठब्) के लिए कोटा निर्धारित करने की मांग की है। उन्होंने आंकड़े रखते हुए यह बताया कि किस प्रकार से वर्तमान स्थति में भारत सरकार के 90 सचिवों में से केवल 03 व्यक्ति ओबीसी के हैं और भारत के बजट का 05 प्रशित नियंत्रण करते हैं। इससे साफ पता चलता है कि ओबीसी का प्रतिनिधित्व कितना कम है और वर्तमान की भाजपानीत एनडीए सरकार का ओबीसी को लेकर किस प्रकार से असंवेदनशील रवैया है। राहुल गांधी जी ने भी जातिगत जनगणना पर बल देते हुए यूपीए सरकार के द्वारा जातिगत जनगणना के आंकड़ों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि जिस तरह एससी/एसटी के एक तिहाई आरक्षण को संवैधानिक दर्जा दिया गया, उसी तरह महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी वर्ग की महिलाओं समेत ओबीसी को भी शामिल किया जाना चाहिए।
आलम ने कहा कि “सरकार जिन चीज़ों से सबका ध्यान भटकाना पसंद करती है उनमें से एक है अडानी प्रकरण। दूसरा महत्वपूर्ण विषय है जाति जनगणना, जैसे ही विपक्ष जाति जनगणना का मुद्दा उठाता है, भाजपा एक नई व्याकुलता पैदा करने की कोशिश करती है। ताकि ओबीसी ख्अन्य पिछड़ा वर्ग, समुदाय और भारत के लोग दूसरी तरफ देखें। इस अवसर पर प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह, सेवादल प्रदेश मुख्य संगठक नेली नाथन, प्रदेश प्रवक्ता डॉ0 एम. तौसीफ, सतीश पोल मुंजनी उपस्थित थे।