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राज्यपाल सचिवालय ने कहा था कि यह सत्र ‘अवैध’ होगा और इस दौरान की जाने वाली कोई भी कार्यवाही गैरकानूनी होगी।
चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने शुक्रवार को सदन को बताया कि 20-21 अक्टूबर को हो रहा दो दिवसीय सत्र ‘वैध’ है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की टिप्पणी के मद्देनजर, विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) से फैसला सुनाने की विपक्षी दल कांग्रेस की मांग के बाद संधवां ने यह कहा।
राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार सत्र बुलाने के अपने फैसले पर अडिग है, जबकि राज्यपाल सचिवालय ने कहा था कि यह सत्र ‘अवैध’ होगा और इस दौरान की जाने वाली कोई भी कार्यवाही गैरकानूनी होगी।
राज्य सरकार ने इस सत्र को बजट सत्र का विस्तार बताया है। विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा द्वारा इस विषय में विधानसभा अध्यक्ष से व्यवस्था दिए जाने का आग्रह करने पर संवां ने सदन से कहा, ‘‘यदि सत्र आयोजित किया जा रहा है तो यह एक वैध सत्र है। स्पीकर के रूप में, मैं इस सत्र को वैध मानता हूं।’’
कांग्रेस विधायक द्वारा स्पीकर से यह सवाल किये जाने पर कि क्या यह सत्र वैध है, सदन में शोरगुल देखने को मिला। संधवां ने जोर देते हुए कहा कि दो दिवसीय सत्र वैध है, वहीं कांग्रेस सदस्यों ने मुद्दे पर सवाल उठाना जारी रखा और राज्यपाल द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को लिखे एक पत्र में इसे अवैध बताये जाने का जिक्र किया। बाजवा ने यह जिक्र किया कि राज्यपाल ने लिखा था कि यह अवैध सत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि यह सत्र वैध है या अवैध’’ और स्पीकर ने जवाब दिया कि यह वैध है।
संधवां ने कहा, ‘‘राज्यपाल से मेरी कोई बाचतीत नहीं हुई है।’’ बाजवा ने कहा, ‘‘पंजाब में आज यह एक बड़ा संवैधानिक संकट है। राज्यपाल ने कहा है कि यह एक अवैध सत्र है। आप (स्पीकर) सदन के संरक्षक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल ने कई विधेयकों को पूर्व में मंजूरी नहीं दी है। यदि सत्र अवैध है तो जो विधेयक लाये जा रहे हैं, वे समूचे उद्देश्य की अनदेखी करते हैं।’’ राजभवन और आप सरकार के बीच तकरार जारी रहने के बीच, पंजाब के राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तीन विधेयकों लिए अपनी अनुमति रोक ली थी, जिन्हें दो दिवसीय सत्र में पेश किया जाना है।
राज्यपाल पुरोहित ने कहा था कि (मुख्यमंत्री) भगवंत मान सरकार को सुझाव देता हूं कि वह इस कवायद को जारी रखने के बजाय मानसून या शीतकालीन सत्र बुलाएं। सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही बाजवा और कांग्रेस के कुछ अन्य विधायक अपनी सीट से खड़े हो गए। बाजवा ने स्पीकर का फैसला मांगते हुए कहा, ‘‘पंजाब में कई मुद्दे हैं, जिनपर चर्चा की जानी है...राज्यपाल ने कहा है कि सत्र अवैध है।’’
स्पीकर ने कांग्रेस सदस्यों से सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करने को कहा। संधवां ने बाजवा से प्रश्नकाल पहले पूरा होने देने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि शेष मुद्दे शून्य काल में उठाये जा सकते हैं।
स्पीकर ने कहा, ‘‘पंजाब विधानसभा पंजाब से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा करने वाली है।’’ सदन में विपक्ष की ओर से शोरगुल जारी रहने पर, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस सदस्यों से कहा, ‘‘आप नहीं चाहते कि सतलुज-यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर जैसे मुद्दों पर चर्चा हो।’’ चीमा ने एसवाईएल मुद्दे पर कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पटियाला के कपुरी गांव में इसके निर्माण कार्य को प्रारंभ कराया था। उन्होंने कहा, ‘‘आप किस मुद्दे पर बोलेंगे। पंजाब के लोग जानते हैं कि कांग्रेस ने राज्य को बर्बाद कर दिया...आपने पंजाब का पानी बेच दिया...।’’ इसके बाद, कांग्रेस विधायक स्पीकर के आसन के करीब पहुंच गए और नारेबाजी की