पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2017 से पहले राज्य के नौजवानों के सामने 'पहचान का संकट' था और सूबे में ..
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2017 से पहले राज्य के नौजवानों के सामने 'पहचान का संकट' था और सूबे में माफिया तत्वों की 'समानांतर सरकार' चलती थी। मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2023—24 के लिये प्रस्तुत बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा ''वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। किसान बदहाल था, आत्महत्या कर रहा था और गरीब भुखमरी का शिकार था, महिलाएं सुरक्षित नहीं थीं। संगठित अपराध में लिप्त माफियाओं की समानांतर सरकार चलती थी। प्रदेश में हर तरह का माफिया हावी हो गया था।''
उन्होंने कहा, ''कहीं संगठित अपराध को संचालित करने वाला माफिया था, कहीं भू—माफिया था, कहीं खनन माफिया, कहीं पशु माफिया तो कहीं वन माफिया थे, लेकिन पिछले छह वर्षों के अंदर जिस उत्तर प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था, आज उसी प्रदेश का नौजवान देश और दुनिया में सम्मान की निगाहों से देखा जाता है।''
आदित्यनाथ ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ''एक बड़े विद्वान ने कहा है कि समस्या का समाधान इस पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है। दुर्योधन का सलाहकार शकुनि था और अर्जुन के कृष्ण थे। परिणाम सबके सामने है। शकुनि को पालेंगे तो सत्यानाश होना ही है। यह दृश्य अगर विपक्ष समझ पाएगा तो उसे संभवत: कुछ सद्बुद्धि आ जाये।''
उन्होंने सपा की आलोचना करते हुये कहा, ''पूर्व में प्रदेश में पहले बिक्री कर और वैट था। इससे प्रदेश को कुल 49 हजार करोड़ रुपए से लेकर 51 हजार करोड़ रुपये तक मिलते थे। आज यह राशि बढ़कर इस वित्तीय वर्ष में एक लाख 25 हजार करोड़ रुपए होने जा रही है। आबकारी कर के रूप में जहां पहले प्रदेश को कुल 12 हजार करोड़ रुपए मिलते थे, वह आज बढ़कर 45 हजार करोड़ रुपए होने जा रही है। यह पैसा कहां जाता था? यह चोरी होता था। इसी पैसे से लोग इंग्लैंड में होटल बनाते थे। इसी पैसे से ऑस्ट्रेलिया में टापू खरीदे जाते थे।''
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023—24 के लिये प्रस्तुत बजट का जिक्र करते हुए कहा ''हम 2023—24 की लिए देश की सबसे बड़ी आबादी के बजट पर चर्चा कर रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से हमें उस पृष्ठभूमि में भी जाना होगा जो उत्तर प्रदेश जैसे राज्य की दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है। पूरा देश और पूरी दुनिया उत्तर प्रदेश के पिछले छह वर्षों के अंदर के बदले हुए परिवेश को देख रही है। एक बदला हुआ उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से आज जिस गति के साथ आगे बढ़ा है वह आम जनमानस में एक नया विश्वास भर रहा है।''
आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2016-17 का बजट तीन लाख 40 हजार करोड़ रुपए का था और छह वर्षों बाद जब हम लोगों ने वित्तीय वर्ष 2023—24 के लिए सदन में बजट प्रस्तुत किया तो यह दो गुना से अधिक बड़ा है। यह उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विस्तार को बताता है।''
उन्होंने कहा कि पूर्व में इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर 'कोरे सब्जबाग' दिखाये जाते थे लेकिन उनकी सरकार ने फरवरी 2018 में लखनऊ में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया था। उस वक्त चार लाख 68 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे। आज प्रदेश में 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। वे प्रस्ताव सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) तक सीमित नहीं है बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखण्ड और मध्य उत्तर प्रदेश के लिये भी हैं। मगर इसके लिए भूमिका तैयार करनी पड़ी थी। एक अभियान चलाना पड़ा था। इसके लिये 'टीम यूपी' छह वर्षों तक लगातार मेहनत करती रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के पास बेहतर कानून व्यवस्था है, बेहतर कनेक्टिविटी है, बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी है, एक्सप्रेस हाईवे, रेल और विमान सेवाओं का बेहतर नेटवर्क है। एयर नेटवर्क हमारे पास है। उत्तर प्रदेश की श्रम शक्ति की कार्य क्षमता को बढ़ाने का भी काम हुआ है। एंटी भू माफिया टास्क फोर्स बनाकर भू माफियाओं से जमीन मुक्त कराई गई और 64000 हेक्टेयर का लैंडबैंक तैयार किया गया।
आदित्यनाथ ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने 16 देशों की यात्रा की। पहली बार यूपी की टीम इसके लिए विदेश गई। आज प्रदेश का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां निवेश का कोई प्रस्ताव नहीं हो। यह इन्वेस्टर्स समिट की सबसे बड़ी सफलता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से पहले जो पाकिस्तान भारत का हिस्सा था आज वहां रोटी के लाले पड़ रहे हैं लेकिन भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज वैश्विक नेतृत्व की क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है, पूरे दुनिया उसे लेकर अभिभूत है। हर भारतवासी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए और उत्तर प्रदेश अपनी भूमिका में भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कैसे योगदान कर सकता है, यह बजट उसी का प्रतिनिधित्व करता हुआ दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा ''सदन में जो बजट आया था उसकी थीम ही है कि हम वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनेंगे। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाने संकल्प लिया है तो हमारा भी दायित्व बनता है कि अपनी आबादी के हिसाब से हम भी योगदान करें। इसी भावना से उत्तर प्रदेश की नींव को और मजबूत करने वाला यह बजट जनता को समर्पित किया गया है।