पीड़िता की मां का आरोप है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से निराश उनके पति ने चार जून को आत्महत्या कर ली।
जालौन (उत्तर प्रदेश) : जिले के एट थाना क्षेत्र में बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से क्षुब्ध होकर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। प्रशासन ने इस मामले में मंगलवार को थाने के प्रभारी निरीक्षक एवं उप निरीक्षक को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया है। पुलिस के मुताबिक, 28 मार्च को गोलू (30) और देवेंद्र (32) ने 15 साल की दलित किशोरी को जन्मदिन की पार्टी में ले जाने के बहाने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 31 मई को कोतवाली एट में जाकर प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र कुमार गौतम एवं उपनिरीक्षक अशोक कुमार को इस संबंध में तहरीर दी थी।इस पूरे मामले में पीड़िता की मांग का आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक ने उनकी तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टा दोनों आरोपियों (गोलू व देवेंद्र) के साथ समझौता करने और पूरे मामले में खत्म करने का दबाव बनाया।
पीड़िता की मां का आरोप है कि एट पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर परेशान होकर वे लोग पुलिस अधीक्षक जालौन डॉक्टर ईरज राजा के पास पहुंचे, लेकिन वहां से उन्हें फिर कोतवाली भेज दिया गया। सूत्रों ने बताया कि पीड़ित पक्ष वापस कोतवाली एट नहीं गया और उन्होंने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर डाल दी। शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर आते ही पुलिस अधीक्षक ने तत्काल संज्ञान लिया और प्रभारी निरीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पीड़िता की मां का आरोप है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से निराश उनके पति ने चार जून को आत्महत्या कर ली। पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने आत्महत्या के कारण पता लगाने सहित बलात्कार की घटना की जांच करने का आदेश क्षेत्राधिकारी कोच शैलेंद्र कुमार बाजपेई को दिया है।
पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र कुमार गौतम एवं उपनिरीक्षक अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा घटना के जांच का आदेश भी दिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया पूरी जांच आख्या के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।