लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 11 जुलाई तक बढ़ाई

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लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 11 जुलाई तक बढ़ाई
Published : Apr 24, 2023, 1:55 pm IST
Updated : Apr 24, 2023, 1:55 pm IST
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Supreme Court extends interim bail of accused Ashish Mishra till July 11
Supreme Court extends interim bail of accused Ashish Mishra till July 11

पीठ ने कहा, ‘‘ निचली अदालत में हर दिन सुनवाई संभव नहीं... वहां अन्य मामले भी लंबित हैं।

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश-लखीमपुर खेल हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 11 जुलाई तक बढ़ा दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जनवरी में आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी।  उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में निचली अदालत को रोजाना सुनवाई करने का निर्देश देना संभव नहीं है, क्योंकि इससे अन्य लंबित मामलों की सुनवाई प्रभावित हो सकती है। केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी हैं। इस हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने निचली अदालत से शीर्ष अदालत को भेजे गए पत्र पर गौर करते हुए कहा कि निचली अदालत मामले पर गंभीरता से सुनवाई कर रही है।

हिंसा के कारण जान गंवाने वाले किसानों के परिवार वालों की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने पीठ से अनुरोध किया था कि वह निचली अदालत को मामले की हर दिन सुनवाई करने का निर्देश दें। भूषण ने पीठ को बताया कि अभियोजन पक्ष के 200 गवाहों में से अब तक केवल तीन के बयान दर्ज किए गए हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘ हर दिन सुनवाई करना संभव नहीं है... वहां अन्य मामले भी लंबित हैं। इससे अन्य लंबित मुकदमे प्रभावित हो सकते हैं।’’

भूषण ने कहा कि आम तौर पर देखा गया है कि सुनवाई के दौरान मामले 20 साल तक खिंच सकते हैं। भूषण ने कहा कि निचली अदालत से एक सप्ताह में दो गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए तो कहा जा सकता है। पीठ ने कहा कि निचली अदालत में पांच मई को मामले पर सुनवाई होनी है।

शीर्ष अदालत ने मामले को सुनवाई के वास्ते 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इस संबंध में दिए गए उसके अंतरिम निर्देशों का पालन किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को मामले की सुनवाई से जुड़ी जानकारी से उसे अवगत कराते रहने का निर्देश दिया था। हालांकि न्यायालय ने इस बात से इनकार किया था कि मामले की सुनवाई ‘‘धीमी गति’’ से चल रही है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि हालांकि मामले की सुनवाई उसकी निगरानी में नहीं हो रही है, लेकिन वह ‘‘अप्रत्यक्ष रूप से इस पर नजर बनाए हुए है।’’

उच्चतम न्यायालय ने 25 जनवरी को आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी थी और उसे उसके आदेश में दिए गए अंतरिम निर्देशों का पालन करने को कहा था। न्यायालय ने आशीष मिश्रा को जेल से छूटने के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ने का निर्देश भी दिया था।

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था और इस एसयूवी में आशीष मिश्रा बैठे थे।

इस घटना के बाद एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं को गुस्साए किसानों ने कथित रूप से पीट-पीटकर मार डाला था। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

Location: India, Delhi, New Delhi

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