प्राथमिकी के अनुसार, जयंती ने दोनों बच्चों को गला दबाकर मार दिया था।
बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की एक अदालत ने अपने दो साल के बेटे और छह माह की बेटी की हत्या की दोषी महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता सचिन जायसवाल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश तबरेज अहमद की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद भुता थाना क्षेत्र के मटकापुर निवासी बंटू की पत्नी जयंती (30) को बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
घटना के संदर्भ में जायसवाल ने बताया कि बंटू ने 12 नवंबर 2021 को जयंती पर अपने दो बच्चों की हत्या करने का आरोप लगाते हुए भुता थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जायसवाल के मुताबिक, पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील सचिन जायसवाल ने आठ गवाह पेश किए।
जायसवाल के अनुसार, बंटू ने भुता थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा था कि उसने झारखंड के हजारीबाग जिले की रहने वाली जयंती से सात साल पहले शादी की थी और इन सात वर्षों में दोनों के चार बच्चे (तीन बेटियां और एक बेटा) पैदा हुए।
बंटू ने आरोप लगाया था, “जयंती को बेवजह गुस्सा आता था और वह बच्चों को बहुत मारती थी। एक दिन मेरा उससे झगड़ा हुआ, तो उसने लकड़ी काटने वाला बांका लेकर मुझे दौड़ा लिया। इसके बाद, मैं बेटी ममता को लेकर अपने पुश्तैनी मकान में सोने चला गया।”
बंटू ने प्राथमिकी में कहा था, “अगले दिन सुबह जब मैं अपने घर लौटा, तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। मैंने जयंती को आवाज लगाई, तो वह अंदर से बोली कि उसने बच्चों को मार दिया है। इसके बाद, गांव के लोग वहां जुट गए।” बंटू के मुताबिक, उसने गांववालों की मदद से घर का दरवाजा खोला, तो देखा कि उसके दो साल के बेटे बालकिशन और छह माह की बेटी कोमल की लाश चारपाई पर पड़ी हुई थी।
प्राथमिकी के अनुसार, जयंती ने दोनों बच्चों को गला दबाकर मार दिया था। इसमें कहा गया है कि उस दिन दंपति की बड़ी बेटी सुनीता अपनी बुआ के घर गई थी।