विशेषज्ञों के अनुसार, अगले साल भी चांदी में 15 से 20 प्रतिशत तक की तेजी बनी रहने की उम्मीद है।
Gold-Silver Prices: वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में सुरक्षित निवेश विकल्पों की बढ़ती मांग और कुछ चुनिंदा उद्योगों में उपयोग बढ़ने के कारण इस साल चांदी ने रिटर्न के मामले में पारंपरिक निवेश विकल्पों जैसे सोना और शेयर बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है। जहां सोने ने लगभग 70 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, वहीं चांदी में 130 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत दरों में आगे और कटौती की संभावनाओं को देखते हुए अगले साल भी चांदी में 15 से 20 प्रतिशत तक की तेजी बनी रहने की उम्मीद है।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, दिल्ली में सोमवार को चांदी की कीमत 10,400 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 2,14,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस साल 1 जनवरी को चांदी का भाव 90,500 रुपये प्रति किलोग्राम था। इस तरह अब तक चांदी की कीमत में 1,24,000 रुपये यानी करीब 137 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
चांदी में आई तेजी पर आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स लिमिटेड के निदेशक (जिंस और मुद्रा) नवीन माथुर ने पीटीआई-भाषा से कहा, “अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार में चांदी ने अब तक 130 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। वहीं, इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट के चलते एमसीएक्स वायदा बाजार में चांदी का रिटर्न करीब 138 प्रतिशत तक पहुंच गया है।”
उन्होंने कहा, “इस तेजी की एक वजह यह है कि निवेशकों का एक वर्ग सरकारी बॉन्ड और मुद्राओं की तुलना में वैकल्पिक निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहा है, जिससे चांदी में निवेश की मांग बढ़ी है। इसके अलावा, औद्योगिक मांग में वृद्धि और बाजार में लगातार पांचवें साल आपूर्ति की कमी के कारण भी चांदी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।”
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