यह दाल एनीमिया को रोकने, वजन को नियंत्रित करने और कई अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करती है।
Benefits of Masoor lentils : अच्छी सेहत के लिए दालों का सेवन बहुत जरूरी है। भारत में ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं और उनके लिए दाल एक ऐसा भोजन है, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करती है। दालों में मसूर दाल भी सबसे फायदेमंद मानी जाती है. यह दाल आसानी से पच जाती है और शरीर में अच्छे से पचकर शरीर को फायदा पहुंचाती है। यह दाल एनीमिया को रोकने, वजन को नियंत्रित करने और कई अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करती है।
तो आइए आज हम आपको मसूर दाल के इतिहास और फायदों को बारें में बताते हैं.
मसूर दाल का इतिहास बहुत पुराना है. भारत में इसका आगमन 4000 हजार वर्ष पुराना है। इस दाल का उल्लेख भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है। एक अमेरिकी खाद्य अनुसंधान संस्थान का मानना है कि मसूर दाल करीब 12 हजार साल पुरानी है। इसका जन्म मध्य पूर्व क्षेत्र में हुआ था। इसके बाद 5000 और 4000 ईसा पूर्व में इसकी खेती पूर्व में जॉर्जिया क्षेत्र में की जाने लगी। यह दाल 2000 ईसा पूर्व में भारत पहुंची थी।
मसूर दाल के फायदें
-हमारे रक्त में लाल कोशिकाएँ मौजूद होती हैं। इनकी अच्छी मात्रा शरीर को स्वस्थ रखती है। मसूर दाल में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे रक्त में लाल कोशिकाओं को बढ़ाते हैं। यह शरीर को एनीमिया से बचाता है।
-मसूर दाल गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें फाइबर, मैग्नीशियम होता है जो पूरे शरीर में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के प्रवाह को बेहतर बनाता है।
-दाल रक्त की गुणवत्ता में सुधार करती है। इससे दिल भी स्वस्थ रहता है और दिल की बीमारियों से बचाव होता है।
-दाल में फाइबर और प्रोटीन होता है। ये भोजन के महत्वपूर्ण तत्व हैं। इनसे पेट अच्छे से भर जाता है और बार-बार भूख नहीं लगती। इस प्रकार यह दाल वजन नियंत्रण में मदद करती है। इतना ही नहीं दाल पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाती है। अगर हमारा पाचन अच्छा रहता है तो शरीर भी स्वस्थ रहता है।
-इस दाल में मौजूद तत्व मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। इस दाल को खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है। इतना ही नहीं, मसूर दाल में मौजूद खनिज तंत्रिका तंत्र को भी ठंडा रखते हैं। इस तरह इस दाल का सेवन दिमाग की शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।