संक्रमण की पुष्टि और गाय की मौत के बाद ग्रामीण डर और चिंता में हैं।
Uttar Pradesh News: गोरखपुर के एक गांव में रेबीज़ से पीड़ित गाय के कच्चे दूध से बने ‘पंचामृत’ के सेवन के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उनके अनुसार, गांव के 150 से अधिक लोगों ने ‘पंचामृत’ का सेवन किया था, और गाय की मौत के बाद पूरे गांव में रेबीज़ को लेकर भय फैल गया। यह मामला जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर उरुवा ब्लॉक के रामडीह गांव का है।
160 ग्रामीणों को रेबीज़ रोधी टीके की खुराक दी गई; संक्रमित दूध से संक्रमण पर कोई पुष्टि नहीं
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) उरुवा के प्रभारी डॉ. जे. पी. तिवारी ने बताया कि अब तक लगभग 160 ग्रामीणों को रेबीज़ रोधी टीके की दो खुराकें दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई स्थापित शोध मौजूद नहीं है जो यह प्रमाणित करे कि संक्रमित गाय के दूध से मनुष्यों में रेबीज़ फैल सकता है। हालांकि, एहतियात के तौर पर टीकाकरण की सलाह दी गई है। इस गाय के दूध का उपयोग राजीव गौड़ और सोनू विश्वकर्मा द्वारा आयोजित एक धार्मिक समारोह में किया गया था। शनिवार को गाय की मृत्यु के बाद दहशत फैल गई, क्योंकि उसमें रेबीज़ के लक्षण दिखाई दे रहे थे।
ग्रामीणों के अनुसार, गाय धर्मेंद्र गौड़ की थी और लगभग तीन महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने उसे काट लिया था। धर्मेंद्र ने कथित तौर पर गाय का टीकाकरण नहीं कराया, जिससे उसकी तबियत बिगड़ गई और अंततः उसकी मृत्यु हो गई। अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों को संक्रमित माना गया है, उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार कुल तीन खुराकों में टीका लगाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने कहा कि एक विशेषज्ञ चिकित्सा दल घटनाक्रम पर निगरानी रख रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, अफवाहों से बचें और टीके की पूरी खुराक अवश्य लें।
(For more news apart from 150 villagers vaccinated after drinking milk from a cow with rabies in Gorakhpur news in hindi, stay tuned to Rozanaspokesman Hindi)