उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से धौलपुर जिले में जलस्तर में वृद्धि होगी।
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को धौलपुर जिले में कालीतीर लिफ्ट परियोजना का शिलान्यास व सिलावट ‘एनीकट’ परियोजना का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से जल संरक्षण और कम पानी में अधिक खेती की पद्धति अपनाने का आह्वान किया। गहलोत ने अपने निवास से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए कालीतीर लिफ्ट परियोजना का शिलान्यास व सिलावट एनीकट परियोजना का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से धौलपुर जिले में जलस्तर में वृद्धि होगी। किसानों को सिंचाई के लिए लम्बे समय तक पर्याप्त जल मिलेगा, जिससे वे वर्षभर खेती कर सकेंगे और उनकी आय भी बढ़ेगी।
बयान के अनुसार गहलोत ने विभागीय अधिकारियों को कालीतीर लिफ्ट परियोजना का कार्य समयबद्ध और गुणवत्तापूर्वक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल सीमित व अमूल्य प्राकृतिक संसाधन है, ऐसे में जल संरक्षण से ही पानी बचाव संभव है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से जल संरक्षण और कम पानी में अधिक खेती की पद्धति अपनाने का आह्वान किया। बयान के अनुसार बसेड़ी विधानसभा की सरमथुरा तहसील में कालीतीर लिफ्ट परियोजना के निर्माण में 643 करोड़ रुपये व्यय होंगे। चम्बल नदी में वर्षाकाल के दौरान अत्यधिक जल को लगभग 180 मीटर लिफ्ट कर पार्वती बांध और रामसागर बांध को हर वर्ष पूरी क्षमता तक भरा जाएगा। इससे कमांड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित हो सकेगी।
बयान के मुताबिक इन बांधों के भरने से जिले की जीवनदायनी बामनी, पार्वती और उटंगन नदियों में हमेशा जल उपलब्ध रहेगा। इससे बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र के तीन, बाड़ी के चार, धौलपुर के एक और राजाखेड़ा के 10 एनीकट में जलभराव संभव होगा।
उल्लेखनीय है कि एनीकट एक चिनाई वाला चेक डैम है जो सिंचाई को बनाए रखने और विनियमित करने के लिए पानी को रोकने के लिए एक धारा में बनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से धौलपुर जिले के तीन शहरी और 433 ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आवश्यक पेयजल भी उपलब्ध हो सकेगा। जिले का भूजल स्तर बढ़ने से किसानों को सिंचाई के लिए और आमजन व पशुओं के लिए पीने का पानी भी आसानी से सुलभ हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि इसी तरह धौलपुर जिले की राजाखेड़ा तहसील के सिलावट गांव में उटंगन नदी पर 100 मीटर लम्बा और 2 मीटर ऊंचा एनीकट बनाया गया है। इस एनीकट से ग्राम सिलावट, जवाहर का पुरा, काटरपुरा और कसियापुरा के गांवों की 12 हजार जनसंख्या को लाभ मिलेगा। आसपास के कुंओं, नलकूपों में जलस्तर बढ़ेगा।