अगस्त 2007 में एक विशेष टीम ‘ग्रेहाउंड्स’ से संबंधित पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था।
विशाखापत्तनम : आंध प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के एक गांव में 16 साल पहले 11 कोंध आदिवासी महिलाओं से सामूहिक बलात्कार के आरोपी 21 पुलिसकर्मियों को एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया है। अदालत ने आरोपियों को मुख्य रूप से दो जांच अधिकारियों की निष्पक्ष जांच करने में विफलता के कारण बरी कर दिया गया।
अगस्त 2007 में एक विशेष टीम ‘ग्रेहाउंड्स’ से संबंधित पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था।
सुनवाई 2018 में विशाखापत्तनम में शुरू हुई थी। बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत ग्यारहवें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष अदालत द्वारा पुलिसकर्मियों को दुर्भावनापूर्ण जांच के कारण बरी करने के साथ सुनवाई समाप्त हुई।
इस बीच, अदालत ने आदेश दिया कि बलात्कार पीड़िताओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएएलएसए) के माध्यम से मुआवजे का भुगतान किया जाए। ह्यूमन राइट्स फोरम (HRF) के एक सदस्य के अनुसार, किसी भी आरोपी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार नहीं किया गया और उनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो गए जबकि कुछ की मृत्यु हो गई।
HRF-आंध्र प्रदेश राज्य समिति उपाध्यक्ष एम सरत ने आरोप लगाया था, ‘‘ग्रेहाउंड बलों ने अगस्त 2007 में 11 आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार किया था और उनके खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज की गई थी लेकिन एक भी आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया था।’’
HRF ने आरोप लगाया कि 20 अगस्त, 2007 को 21-सदस्यीय विशेष पुलिस दल तलाशी अभियान के लिए एक गांव गया था, और विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह (पीवीटीजी) से संबंधित 11 आदिवासी महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया।
HRPF ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि अदालत ने बलात्कार पीड़िताओं को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है, जो यह दर्शाता है कि अदालत ने उनके बयानों पर भरोसा जताया है।’’