दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 अब रद्द की जा चुकी है।
New Delhi: दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत की अवधि शुक्रवार को पांच दिन के लिए और बढ़ा दी। ईडी ने अदालत से सिसोदिया की हिरासत अवधि सात दिन के लिए और बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था। अदलत ने उनकी हिरासत अवधि 22 मार्च तक के लिए बढ़ा दी। दिल्ली आबकारी नीति से संबद्ध धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार, पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल की अदालत में पेश किया। राउज एवेन्यू अदालत परिसर के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
ईडी ने अदालत को बताया कि सिसोदिया की हिरासत के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी मिली है तथा उन्हें अन्य आरोपियों के साथ बिठा कर पूछताछ करनी है। इन आरोपियों में पूर्व आबकारी आयुक्त राहुल सिंह, दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा शामिल हैं। संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री का उनके पूर्व सचिव सी अरविंद से भी सामना कराया जाना है। बहरहाल, सी अरविंद मामले में आरोपी नहीं हैं।
ईडी ने अदालत को बताया कि ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया के ईमेल में मिले डेटा, उनके मोबाइल फोन का फॉरेसिंक विश्लेषण भी किया जा रहा है । सिसोदिया के वकील ने उनकी रिमांड अवधि बढ़ाने की संघीय जांच एजेंसी ईडी के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि तथाकथित अपराध से अर्जित आय पर जांच एजेंसी कुछ नहीं बोल रही है, जबकि मामले के केंद्र में यही है। उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का कोई तुक नहीं है और सिसोदिया की पूर्व की सात दिवसीय हिरासत के दौरान उनका सामना केवल चार लोगों से कराया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने नौ मार्च को सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था। यहां वे दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से बंद हैं।
इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है, जिसने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 अब रद्द की जा चुकी है।