राज्य बोर्ड की 10वीं कक्षा की दो परीक्षाओं को प्रश्नपत्र लीक होने के बाद रद्द किए गए थे.
गुवाहाटी : असम में एक सप्ताह के भीतर राज्य बोर्ड की 10वीं कक्षा की दो परीक्षाओं को प्रश्नपत्र लीक होने के बाद रद्द किए जाने के बाद, राज्य के शिक्षा मंत्री रणोज पेगू ने शुक्रवार को कहा कि पूरी परीक्षा प्रणाली की समीक्षा कर उसमें सुधार किया जाएगा। राज्य के शिक्षा मंत्री पेगू ने ‘‘व्यवस्था में खामियां होने’’ की बात स्वीकार करते हुए कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, असम (एसईबीए) पता लगाएगा कि समस्याएं कहां हैं और इसके बाद वह सुधारात्मक कदम उठाएगा।
पेगू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमें मिलकर इसे दुरुस्त करना होगा।’’
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार की शाम को बताया था कि 10वीं कक्षा की राज्य बोर्ड परीक्षा के सामान्य विज्ञान का प्रश्नपत्र लीक होने के कुछ दिन बाद असमी भाषा का प्रश्नपत्र भी लीक हो गया। पेगू ने कहा, ‘‘ एक आरोपी के असमी प्रश्नपत्र लीक होने का खुलासा करने के बाद एहतियाती तौर पर कल होने वाले अंग्रेजी सहित आधुनिक भारतीय भाषा (एमआईएल) विषय की सभी परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ एसईबीए परीक्षाओं की नई तारीख की घोषणा जल्द करेगा।’’
कार्बी आंगलोंग, पश्चिम कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों में छात्र एमआईएल असमी के बजाय अंग्रेजी का अध्ययन करते हैं। असमी के अलावा, अन्य एमआईएल विषय में बांग्ला, बोडो, हिंदी, मणिपुरी, ह्मार, नेपाली, मिज़ो, खासी, गारो, कार्बी और उर्दू शामिल है। राज्य की 10वीं कक्षा का सामान्य विज्ञान का प्रश्नपत्र रविवार रात लीक हो गया था जिसके बाद सोमवार को होने वाली परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
एसईबीए की अधिसूचना के मुताबिक, अब इस विषय की परीक्षा 30 मार्च को होगी।
अपराध जांच विभाग (सीआईडी) मामले की जांच कर रहा है और गिरफ्तार किए गए लोगों में कई छात्र शामिल हैं। एक स्कूल के प्रधानाध्यापक को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता होने का संदेह है। स्थानीय लोगों ने माजुली में लुइत खबालू हाई स्कूल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। गिरफ्तार प्रधानाध्यापक इसी स्कूल के हैं। लोग सुबह ही स्कूल के आसपास एकत्रित हो गए और नारेबाजी करने लगे।
इस बीच, पेपर लीक के नए मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि इस प्रकरण ने पूरी मैट्रिक परीक्षा प्रक्रिया को सवालों के घेरे में ला दिया है। कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने भी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि ‘‘बुलडोजर शासन’’ के तहत ऐसी समस्याएं आना लाजमी है। वहीं निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने कहा, ‘‘ क्या यह वास्तव में असमी भाषा को नष्ट करने की साजिश है?’’