राणा फिलहाल लॉस एंजिलिस की फेडरल जेल में बंद है।
मुंबई : मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों में घायल हुई दो महिलाओं ने आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अदालत द्वारा बृहस्पतिवार को दी गई मंजूरी का स्वागत किया और कहा कि उसे मौत की सजा या कठोर सजा दी जानी चाहिए।
2008 के आतंकी हमले में मारे गए एक पुलिसकर्मी के पिता ने न्युज एजेंसी से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राणा के प्रत्यर्पण और उसकी गवाही से घटना में पाकिस्तान की भूमिका का पर्दाफाश हो जाएगा। राणा फिलहाल लॉस एंजिलिस की फेडरल जेल में बंद है।
नवंबर 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के हमलों के दौरान छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे।
कैलिफोर्निया स्थित एक अमेरिकी अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मामले में वांछित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है। इस फैसले को भारत के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चोलजियान ने बुधवार को 48 पन्नों का आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा (68) को भारत प्रत्यर्पित करना चाहिए।
26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले की सबसे कम उम्र की चश्मदीद गवाह होने का दावा करने वाली देविका नटवरलाल ने कहा कि राणा को भारत लाने और उसे जेल में रखने से कुछ नहीं होगा बल्कि उससे (आतंकी हमलों के बारे में) अधिक जानकारी इकट्ठा की जानी चाहिए। मुंबई में हुए इन हमलों के दौरान देविका मात्र नौ साल की थीं।
देविका (24) ने कहा कि हमले के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर, उनके दाहिने पैर में गोली लगी थी और उनके सामने कई लोग मारे गए थे।
घटना को याद करते हुए देविका ने कहा, “आतंकी हमले में मुझे गोली लगी थी। मेरे सामने कई लोग मारे गए। मुझे पता चला है कि राणा को भारत लाया जाएगा। मैं खुश हूं, लेकिन मुझे ज्यादा खुशी तब होगी जब उसे फांसी दी जाएगी या उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”.
उन्होंने कहा कि उसे यहां लाने और जेल में रखने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उसके पास (आतंकवादी हमले से संबंधित) जो जानकारी है, वह सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा, “वह (राणा) जानता था कि हमला होने वाला है और लोगों को गोली मार दी जाएगी। दस आतंकवादी हमारे शहर में आए और गोलीबारी की।”
देविका ने कहा कि ऐसे आतंकवादी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए जिसने डेविड हेडली (लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य) के साथ मिलकर (आतंकवादी हमले के लिए) साजिश रची।
उन्होंने कहा, “उसे दंडित किया जाना चाहिए और इस तरह से दंडित किया जाना चाहिए कि कोई भी हमारे देश में या कहीं और ऐसा कुछ करने की हिम्मत न करे।”
हमले में शहीद हुए राज्य रिजर्व पुलिस बल के कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे (60) ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह पहले से ही पता है कि हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, लेकिन राणा के प्रत्यर्पण और उसकी गवाही से पड़ोसी देश एक बार फिर बेनकाब हो जाएगा।
राहुल शिंदे आतंकवादियों के हमलों के बाद दक्षिण मुंबई स्थित ताजमहल पैलेस होटल में सबसे पहले प्रवेश करने वाले पुलिसकर्मियों में शामिल थे।
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के सुल्तानपुर निवासी राहुल के पिता ने कहा कि आतंकवादी हमले की साजिश में शामिल सभी लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरी साजिश का पर्दाफाश करना और हमले के सभी आरोपियों को सजा दिलाना हमले में मारे गए पुलिस अधिकारियों और नागरिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राणा के भारत प्रत्यर्पण को अमेरिकी अदालत की मंजूरी मिलने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के खात्मे की कोशिश होगी। दक्षिण मुंबई में डॉकयार्ड रोड के पास आतंकी हमले के दौरान एक टैक्सी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुई सबीरा खान (46) ने कहा कि सभी आरोपियों और आतंकी हमलों के साजिशकर्ता को सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “मैं तहव्वुर राणा के बारे में ज्यादा नहीं जानती, लेकिन अगर वह साजिश में शामिल था तो उसे न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।” घटना के 14 साल बाद भी सबीरा का संघर्ष अभी भी जारी है क्योंकि वह बिना सहारे के ठीक से चलने में असमर्थ है। खान ने कहा कि उनकी 12 सर्जरी हो चुकी हैं और उनके इलाज पर लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। वह सरकार से मदद का इंतजार कर रही हैं।