याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच कर रही है।
New Delhi: उच्चतम न्यायालय अप्रैल 2020 में पालघर जिले में तीन लोगों की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार को राजी हो गया। न्यायालय को बताया गया कि महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई से जांच कराने पर सहमति जता दी है जिसके बाद वह याचिकाओं पर सुनवाई के लिए राजी हुआ। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ को याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने बताया कि राज्य सरकार ने भी सीबीआई जांच की सहमति दे दी है।
वकील ने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि मामले पर शुक्रवार या सोमवार को सुनवाई की जा सकती है। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर सुनवाई करेंगे।’’ इससे पहले अपने रुख में बदलाव करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा था कि वह दो संतों समेत तीन लोगों की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है।
राज्य सरकार ने पहले न्यायालय में कहा था कि महाराष्ट्र पुलिस ने इस घटना में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए ‘‘दोषी’’ पुलिसकर्मियों को सजा दी है तथा उसने सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं को खारिज किए जाने का आग्रह किया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच कर रही है।
ये याचिकाएं श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, मृतकों के परिजनों, वकील शशांक शेखर झा और घनश्याम उपाध्याय ने दायर की हैं।
गौरतलब है कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान मुंबई के कांदिवली से तीन लोग एक कार में सवार होकर गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे तभी 16 अप्रैल 2020 की रात को गडचिनचले गांव में भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में उनकी कार रोकी और उन पर हमला किया तथा कथित तौर पर पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। मृतकों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशील गिरी महाराज (35) और निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गयी थी। निलेश कार चला रहा था।