इन पोस्टरों में आरोप लगाया गया है कि कमलनाथ ने करोड़ों रुपये के घोटाले किए हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ शुक्रवार को भोपाल में पोस्टर चिपके मिले, जिससे इन दोनों दलों में जुबानी जंग छिड़ गई। तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भोपाल में ये पोस्टर किसने लगाए हैं। चौहान और कमलनाथ को नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए क्रमश: भाजपा और कांग्रेस का मुख्यमंत्री का चेहरा माना जा रहा है।
यह सब तब शुरू हुआ जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ शुक्रवार को शहर के शाहपुरा इलाके में विवादित पोस्टर चिपके मिले, जिसमें उन्हें ‘वांछित’ और ‘भ्रष्ट’ बताया गया है। कमलनाथ की तस्वीर वाले इन पोस्टरों में स्कैन कोड भी लगे हैं और लिखा है ‘‘स्कैम से बचने के लिए स्कैन करें’’ और ‘‘भ्रष्ट नाथ’’ के कांड जानें। इसके अलावा, इन पोस्टरों में आरोप लगाया गया है कि कमलनाथ ने करोड़ों रुपये के घोटाले किए हैं।
कमलनाथ के खिलाफ इन पोस्टरों के सामने आने के कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री चौहान की तस्वीर वाले दो विवादित पोस्टर भोपाल में कांग्रेस कार्यालय से कुछ ही दूरी पर व्यस्त लिंक रोड पर लगे हुए मिले। इन पोस्टरों में से एक पर लिखा था,- ‘‘शिवराज नहीं, घोटाला राज’’ और दूसरे पर लिखा था - ‘‘शिवराज के 18 साल, घपले और घोटालों की भरमार।’’
इन पोस्टरों के लगने के बाद मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। विवादित पोस्टरों के मामले को गंभीरता से लेते हुए कमलनाथ ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘हमारे देश में सबसे भ्रष्ट प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश की है। सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह मुझे नीचा दिखाना चाहते हैं, लेकिन वह मुझे कभी नीचा नहीं दिखा पाएंगे।’’
कमलनाथ ने कहा, ‘‘मुझ पर राजनीतिक जीवन में कोई आरोप नहीं लगे हैं। पिछले तीन साल से भाजपा प्रदेश में सत्ता में है। अगर मेरे नेतृत्व वाली हमारी तत्कालीन कांग्रेस नीत मध्य प्रदेश सरकार में (17 दिसंबर 2018 से 20 मार्च 2020 तक) भ्रष्टाचार था तो इन्होंने यह क्यों उजागर नहीं किया।’’
कमलनाथ ने आरोप लगाया, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हर एक नेता भ्रष्टाचार में लिप्त है। प्रदेश में तब तक भ्रष्टाचार नहीं हो सकता, जब तक मुख्यमंत्री उसमें भागीदार न हों।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भजपा के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं। जनता मेरी गवाह है।’’ हालांकि, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने स्पष्ट किया कि इन पोस्टरों का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है और ये कांग्रेस नेताओं के बीच अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है।
शर्मा ने कमलनाथ के बेटे एवं छिंदवाड़ा से कांग्रेस सांसद नकुलनाथ तथा राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बेटे एवं पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई चल रही है और पार्टी नेताओं के बेटों को आगे करने की होड़ लगी हुई है, जिसके कारण वे (कांग्रेस नेता) खुद ही इस तरह के पोस्टर लगा रहे हैं।’’
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस बौद्धिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मध्य प्रदेश में नेतृत्व को लेकर भाजपा में जबरदस्त लड़ाई चल रही है और मुख्यमंत्री चौहान को बेनकाब कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के लोगों ने ही चौहान को बदनाम करने के लिए ये पोस्टर लगाए हैं और इसका ठीकरा कांग्रेस पर थोप रहे हैं।’’
गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी इस तरह की विचारधारा और कार्य में विश्वास नहीं करती है।’’ इस बीच, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता पोस्टर मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए चूना भट्टी पुलिस थाने गए।
पीसी शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कमलनाथ जी के भोपाल में लगे पोस्टरों के मामले में हम प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए चूना भट्टी पुलिस थाने गए। हमने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। जब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने की हमारी बात नहीं मानी तो हम थाने में करीब दो घंटे तक धरने पर बैठे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाद में पुलिस ने जांच के लिए हमारी शिकायत लिखित में ली।’’