इन प्रस्तावों में उन्हें तथा उनके समर्थकों को निष्कासित किया जाना भी शामिल है।
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक की आम परिषद के 11 जुलाई के प्रस्तावों के खिलाफ पार्टी नेता ओ पनीरसेल्वम और उनके सहायकों की याचिकाएं बुधवार को खारिज कर दी। इन प्रस्तावों में उन्हें तथा उनके समर्थकों को निष्कासित किया जाना भी शामिल है। अदालत के फैसले के बाद अन्ना द्रमुक के अंतरिम प्रमुख के पलानीस्वामी का पार्टी के शीर्ष महासचिव पर पर काबिज होने का मार्ग प्रशस्त हो गया और फिर उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाल ली।
अन्ना द्रमुक के वकील आई एस इन्बादुरई ने कहा कि अदालत ने पार्टी के महासचिव का चुनाव कराने के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘पनीरसेल्वम (और अन्य) ने 11 जुलाई 2022 के प्रस्तावों के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। इसे खारिज कर दिया गया है। इसका मतलब है कि आम परिषद वैध है, उसके प्रस्ताव, संकल्प वैध हैं।’’
इन्बादुरई ने अन्ना द्रमुक के महासचिव पद के चुनाव के संदर्भ में बताया कि पार्टी ने पहले अदालत में एक हलफनामा दिया था कि वह हाल में हुए उसके संगठनात्मक चुनावों के नतीजे घोषित नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अब यह साफ है कि पलानीस्वामी दशकों पुराने संगठन के सर्वोच्च पद पर काबिज होने में गलत कुछ भी नहीं है।
अदालत के फैसले के बाद यहां अन्नाद्रमुक के मुख्यालय में पलानीस्वामी के समर्थक जश्न मनाने लगे। उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए पटाखे छोड़े और मिठाइयां बांटी। फैसले के बाद पलानीस्वामी पार्टी मुख्यालय पहुंचे और वहां अन्ना द्रमुक के दिवंगत नेताओं एम जी रामचंद्रन और जे. जयललिता को श्रद्धांजलि दी।