केंद्र ने 19 जनवरी को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के मुद्दे पर विचार कर रही है।
New Delhi: उच्चतम न्यायालय रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने से संबंधित याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को सोमवार को तैयार हो गया। उक्त याचिका राज्यसभा के पूर्व सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता स्वामी की ओर से दायर प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। स्वामी ने कहा कि केंद्र नौ साल से अधिक समय से मामले का लटका रहा है। पीठ ने कहा, ‘‘ हम इसे जल्द सूचीबद्ध करेंगे।’’’
केंद्र ने 19 जनवरी को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के मुद्दे पर विचार कर रही है। अदालत ने स्वामी से कहा था कि अगर वह चाहें तो सरकार को एक अभ्यावेदन दे सकते हैं।
अदालत ने केंद्र से इस मुद्दे पर फैसला करने को कहा था और स्वामी को असंतुष्ट होने पर फिर से अदालत का रुख करने का अधिकार देते हुए इस मुद्दे पर उनके अंतरिम आवेदन का निस्तारण कर दिया था। ‘रामसेतु’ जिसे ‘एडम्स ब्रिज’ भी कहा जाता है, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पम्बन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिम तट पर मन्नार द्वीप के बीच पत्थरों की एक श्रृंखला है।