वहीं भारत में भी इसके मामले सामने आने लगे है. अब तक भारत में JN.1 कुल 21 मामले सामने आ चुके हैं.
Covid-19 new variant JN.1 Update : बीते साल दुनिया भर में कोविड -19 के तीन लहरों ने सभी को डरा कर रखा. वहीं कई लोगों की जान गई. धीरे-धीरे यह खत्म भी हुआ। लोग सामान्य जीवन में प्रवेश कर रहे थे पर अब कोविड के नए सब वेरिएंट JN.1 ने सभी को एक बार फिर से चिंता में ला दिया है. कोरोना का यह नया सब-वेरिएंट JN.1 दुनिया के 40 देशों में फैल चुका है।
वहीं भारत में भी इसके मामले सामने आने लगे है. अब तक भारत में JN.1 कुल 21 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से गोवा में 19 और केरल-महाराष्ट्र में 1-1 मामला सामने आया है। वहीं कोरोना की बात करें तो भारत में इसके 2669 से ज्यादा एक्टिव मामले हैं. कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 की बात करें तो इसे भी काफी खतरनाक माना जा रहा है. इसके मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. सरकार अब फिर से लोगों के लिए निर्देश जारी कर रही है. वहीं सतर्क रहने की सलाह दे रही है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने बुधवार को कहा कि पिछले दो सप्ताह में भारत में कोरोना से 16 लोगों की मौत हुई है। हालाँकि, इनमें से अधिकतर लोग मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं जैसी अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे।
केंद्र के मुताबिक देशभर में कोरोना के करीब 2669 एक्टिव केस हैं. उनमें से 91-92% घर पर ही इलाज करा रहे हैं। नए वैरिएंट वाले मरीजों में वायरस के हल्के लक्षण होते हैं। हालाँकि, घबराने की कोई बात नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जेएन.1 को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में शामिल किया है। संगठन ने कहा कि अब तक के विश्लेषण से पता चलता है कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 वैरिएंट के खिलाफ पूरी तरह से प्रभावी है। इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है.
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हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की है. इसमें लोगों को भीड़-भाड़, बंद या प्रदूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है। इसके अलावा जरूरी दूरी बनाए रखने को भी कहा गया है.
केरल में मिला पहला मामला
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के अनुसार, पहला जेएन.1 वैरिएंट 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में खोजा गया था। 79 साल की महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। महिला में फ्लू जैसे हल्के लक्षण थे। हालांकि, बाद में वह ठीक हो गईं।
बता दें कि JN.1 की पहचान सबसे पहले यूरोपीय देश लक्ज़मबर्ग में की गई थी। यह यहीं से यह कई देशों में फैलना शुरू हुआ. इस सबवेरिएंट वैरिएंट को पहले BA.2.86 से जुड़ा गया था पर अब WHO ने इसे अलग प्रकार के तौर पर जोड़ा है। इसे मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। यही कारण है कि नए सब-वेरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
इसके लक्षणों की बात करें तो इसके लक्षण काफी हद तक कोरोना जैसे ही हैं...
जैसे कि
- गले में खराश होना
- लगातार नाक बहना
- सिर दर्द होना
- तेज बुखार
- पेट दर्द
- दस्त
- बिना काम किए थक जाना
- उल्टी होना
- माइग्रेन जैसा दर्द होना
उधर WHO ने कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में क्लासिफाइड किया है लेकिन कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है।
हालांकि अगर बचाव की ओर देखें तो कोरोना के किसी भी वेरिएंट से बचाव का यही उपाय है कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बार-बार हाथ धोएं, मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। अगर आप कहीं बाहर जाते हैं तो खाने से पहले हाथ धोएं, मास्क पहनकर जाएं। अपने पास सैनिटाइजर रखें और अगर आपको बुखार, सर्दी हो रही है तो तुरंत ही डॉक्टर के पास जाएं।
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