आमतौर पर पापुआ न्यू गिनी सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं करता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए..
पोर्ट मोरेस्बी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। वह द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को भारत और 14 प्रशांत द्वीप देशों के बीच एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी जापान से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने हवाई अड्डे पर भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया, जिन्होंने सम्मान के तौर पर मोदी के पैर छुए।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पापुआ न्यू गिनी पहुंच गया हूं। मैं हवाई अड्डे पर आने और मेरा स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री जेम्स मारापे का आभारी हूं। यह आदर-सम्मान बहुत ही खास है, जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा। मैं अपनी यात्रा के दौरान इस महान देश के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूं।’’
आमतौर पर पापुआ न्यू गिनी सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं करता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह अपवाद रहा और उनका औपचारिक स्वागत किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर रस्मी स्वागत की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए इसे ‘‘बेहद खास स्वागत’’ बताया। भारतीय समुदाय ने भी प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पापुआ न्यू गिनी में मौजूद भारतीय समुदाय बड़ी संख्या में आया और स्नेह प्रकट किया। यादगार स्वागत के लिए उनका शुक्रिया।’’
एक संक्षिप्त बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा प्रशांत द्वीप देशों के साथ भारत की घनिष्ठ मित्रता को रेखांकित करती है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘एक महत्वपूर्ण दौरे की भव्य शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी पोर्ट मोरेस्बी पहुंचे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है। 19 तोपों की सलामी, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ औपचारिक स्वागत किया गया। विशेष सम्मान दिखाते हुए प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की।’’.
मोदी और मारापे सोमवार को भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। शिखर सम्मेलन ऐसे समय में होगा, जब चीन इस क्षेत्र में अपने सैन्य और कूटनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।.
मोदी ने पूर्व में कहा था, ‘‘मैं आभारी हूं कि सभी 14 प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) ने इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन (एफआईपीआईसी) में भाग लेने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।’’
एफआईपीआईसी का गठन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान किया गया था। एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में 14 देशों के नेता भाग लेंगे। आम तौर पर कनेक्टिविटी और अन्य मुद्दों के कारण ये सभी शायद ही कभी एक साथ मिलते हैं।
पीआईसी में कुक आइलैंड्स, फिजी, किरिबाती, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नौरू, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड्स, टोंगा, तुवालू और वानुआतु शामिल हैं। मोदी, मारापे के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डाडे से भी मुलाकात करेंगे। वह न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस से भी मुलाकात करेंगे।