रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं बल्कि बिहार का पुराना मामला है।
RSFC (Team Mohali)- पिछले दिनों महाराष्ट्र से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी के होश उड़ा दिए। मामला था सिख बच्चों की मोब लिंचिंग का जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई थी। अब एक और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ लोगों को पुलिस की मौजूदगी में एक शख्स को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो उत्तर प्रदेश का है जहां एक सिख युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। दावे के मुताबिक, वीडियो में जिस शख्स की पिटाई हो रही है, वह दरअसल लखीमपुर खीरी मामले का गवाह है।
ट्विटर यूज़र Jaspinder Kaur Udhoke ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "महाराष्ट्र के बाद यूपी में सिख युवाओं की मॉब लिंचिंग: हिंदुत्व राष्ट्रवादियों ने लखीमपुर खीरी की घटना के एकमात्र चश्मदीद के साथ ऐसा व्यवहार किया। भारत में कोई भी अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है।" "लखीमपुर खीरी के किसानों को अभी तक न्याय नहीं मिला है और इस सिख युवक की मौत के लिए किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।"
ਮਹਾਰਾਸ਼ਟਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ UP ਵਿਖੇ ਸਿੱਖ ਨੌਜਵਾਨ ਦੀ mob lynching ਹਥਿਆ:
— Jaspinder Kaur Udhoke (@KaurUdhoke) May 31, 2023
ਹਿੰਦੂਤਵੀ ਰਾਸ਼ਟਰਵਾਦੀਆਂ ਨੇ ਲਖੀਮਪੁਰ ਖੇੜੀ ਘਟਨਾ ਦੇ ਇਕਲੌਤੇ ਚਸ਼ਮਦੀਦ ਗਵਾਹ ਨਾਲ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਵਿਵਹਾਰ ਕੀਤਾ। ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਨਹੀਂ।
ਲਖੀਮਪੁਰ ਖੇੜੀ ਦੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਅਜੇ ਵੀ ਨਿਆਂ ਨਹੀਂ ਮਿਲਿਆ ਅਤੇ ਨਾਂ ਹੀ ਇਸ ਸਿੱਖ ਨੌਜਵਾਨ… pic.twitter.com/J3SVNLmI5Y
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं बल्कि बिहार का पुराना मामला है। इस वीडियो में कोई उत्तर प्रदेश का सिख नहीं है और न ही इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल है। अब बिहार का पुराना वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल हो रहा है।
अब देखें स्पोक्समैन की पड़ताल:
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा और वीडियो के की-फ्रेम्स निकाल उन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड कर सर्च किया।
यह बिहार का पुराना मामला है
हमें इस मामले से जुड़ी कई पुरानी खबरें मिलीं जिनमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट था। खबरों के मुताबिक मामला बिहार का है जहां पुलिस की मौजूदगी में 2 लोगों को बेरहमी से पीटा गया और उनमें से एक की मौत हो गई.
मामले को लेकर दैनिक जागरण ने 2 अक्टूबर 2019 को खबर प्रकाशित की और हेडलाइन लिखी, "दिनहाड़े भभुआ नगर में हुई हत्या से दहशत, उत्पात देख भागे लोग"
खबर के मुताबिक, ''भभुआ नगर में बुधवार को दिनदहाड़े गोली मार कर युवक की हुई हत्या से दहशत का माहौल कायम है। घटना के बाद सदर अस्पताल में जुटी भीड़ सिकठी गांव निवासी माधव सिंह की मौत की सूचना से आक्रोशित हो गई और गोली मारने के आरोपित अस्पताल में भर्ती शाहिद राइन को अपने कब्जे में लेने के लिए पुलिस से मांग करने लगी।"
इस खबर में यह कहीं भी नहीं लिखा था कि मारा गया व्यक्ति सिख था।
हमने इस मामले को लेकर 5 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित इंडिया टुडे की खबर भी पढ़ी। इस खबर में भी इस बात का जिक्र नहीं था कि मारा गया व्यक्ति सिख था।
मतलब साफ था कि बिहार के पुराने मामले को अब फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं बल्कि बिहार का पुराना मामला है। इस वीडियो में कोई उत्तर प्रदेश का सिख नहीं है और न ही इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल है। अब बिहार का पुराना वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल हो रहा है।