वायरल हो रहा ये स्क्रीनशॉट फर्जी है। साल 2012 में ट्वीट करने के लिए कैरेक्टर की सीमा 140 कैरेक्टर थी और इस वायरल ट्वीट में 257 कैरेक्टर हैं।
Navjot Singh Sidhu News: पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें वह उन नेताओं की आलोचना करते नजर आ रहे हैं, जो जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई के समन के बाद भी पेश नहीं हुए थे। इस स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए सिद्धू अरविंद केजरीवाल पर निशाना साध रहे हैं।
स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा, "आप जो उपदेश देते हैं उस पर अमल करें... ईडी का सामना करें... जब तक आप बेदाग नहीं हो जाते तब तक अपने पद से इस्तीफा दे दें जैसा कि मैंने दिसंबर 2006 में किया था... #अरविंदकेजरीवाल।"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। वायरल हो रहा ये स्क्रीनशॉट फर्जी है। साल 2012 में ट्वीट करने के लिए कैरेक्टर की सीमा 140 कैरेक्टर थी और इस वायरल ट्वीट में 257 कैरेक्टर हैं।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस ट्वीट में मौजूद शब्दों को कीवर्ड सर्च किया। आपको बता दें कि हमें अरविंद केजरीवाल के ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किया गया यह ट्वीट नहीं मिला।
आगे बढ़ते हुए हमने साल 2012 में अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए सभी ट्वीट्स पर नजर डाली। साल 2012 में किए गए कुछ ट्वीट्स में अरविंद केजरीवाल ने लोगों से 26 नवंबर 2012 को जंतर-मंतर पर आकर आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेने की अपील की थी।
अगर इस ट्वीट को ध्यान से देखा जाए तो पता चलता है कि इसमें 257 अक्षर हैं जो उस समय एक ट्वीट में नहीं किया जा सकता था। सभी मूल ट्वीट्स को देखने के बाद हमने पाया कि मूल ट्वीट्स बहुत कम अक्षरों में किए गए थे जबकि वायरल ट्वीट में 257 अक्षर थे।
आपको बता दें कि 2012 में एक ट्वीट में सिर्फ 140 अक्षर शेयर करने की सीमा थी, जबकि यह ट्वीट 257 शब्दों का है। इन बातों से साफ है कि ये वायरल ट्वीट फर्जी है और 2012 में नहीं किया गया है।
2012 में ट्विटर पर ट्वीट करने के लिए कैरेक्टर सीमा के बारे में लेख यहां और यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
हमने इस दावे को लेकर न्यूज सर्च भी किया। हमें 2012 या उसके आसपास प्रकाशित कई रिपोर्टें मिलीं जिनमें केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के नेताओं पर हमला बोला था। लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें वायरल दावे का जिक्र हो।
निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। वायरल हो रहा ये स्क्रीनशॉट फर्जी है। साल 2012 में ट्वीट करने के लिए कैरेक्टर की सीमा 140 कैरेक्टर थी और इस वायरल ट्वीट में 257 कैरेक्टर हैं।