
रोज़ाना स्पोक्समैन ने इस वीडियो की जांच की तो पता चला कि यह मामला पाकिस्तान का नहीं बल्कि अफगानिस्तान के काबुल का था ...
RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में गुरूद्वारे जैसी इमारत में सिखों के शव देखे जा सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि यह मामला पाकिस्तान से सामने आया है, जहां नमाज के दौरान गुरबाणी को लाउड स्पीकर पर बजाने से नाराज खास समुदाय के लोगों ने गुरु घर में तोड़फोड़ कर सिख धर्म गुरुओं की हत्या कर दी।
फेसबुक यूजर बीजेपी नेता रिंकू सलेमपुर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण खबर है कि पाकिस्तान में नमाज के दौरान गुरुद्वारे में गुरबाणी को लाउड स्पीकर पर बजाने से नाराज एक समुदाय के लोगों ने सिख धर्मगुरुओं की हत्या कर दी और गुरुद्वारे में तोड़फोड़ भी की गई।”
रोज़ाना स्पोक्समैन ने इस वीडियो की जांच की तो पता चला कि यह मामला पाकिस्तान का नहीं बल्कि अफगानिस्तान के काबुल का था जब मार्च 2020 में गुरुद्वारा करता परवान पर आतंकी हमला हुआ था और इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले मामले पर कीवर्ड सर्च किया। आपको बता दें कि हमें ऐसे किसी मामले की कोई खबर नहीं मिली। आपको बता दें कि अगर ऐसी कोई घटना पाकिस्तान में हुई होती तो अब तक सुर्खियां बटोर चुकी होती।
अब हम आगे बढ़े और पाकिस्तान के अपने इंचार्ज बाबर जालंधरी से इस मामले पर बात की। वायरल वीडियो के बारे में हमसे बात करते हुए बाबर ने कहा, ''यह वीडियो पाकिस्तान का नहीं बल्कि काबुल का है जब गुरुद्वारा करते परवान पर आतंकी हमला हुआ था। अब पुराने वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पाकिस्तान में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है.''
वायरल वीडियो 2020 का है..
हमने अपने अंतिम चरण में वीडियो की जांच की। आपको बता दें कि काफी रिसर्च करने के बाद हमें मामले से जुड़ी तस्वीरें मिलीं।
चूंकि बाबर ने वीडियो को काबुल गुरुद्वारे का बताया, इसलिए हमने सबसे पहले हमले के लिए गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। आपको बता दें कि सर्च के दौरान हमें पता चला कि इस गुरु घर पर 2022 और 2020 में आतंकी हमले हो चुके हैं।
ये वीडियो 2020 के काबुल में हुए हमले का है
हमने इस वीडियो को गौर से देखा। इस वीडियो में हमने दीवारों और पर्दों पर लगे गोलियों के निशान जैसी तमाम चीजों का ख्याल रखा है। अपनी खोज के दौरान हमें कई तस्वीरें मिलीं जिनमें इस जगह की हूबहू दीवारों और पर्दों की हालत देखी जा सकती है।
नीचे दिए गए कोलाज में साफ देखा जा सकता है कि 2020 की तस्वीरों और वायरल वीडियो में भी समान पर्दे और गोली के निशान देखे जा सकते हैं।
Collage
मतलब साफ था कि यह पाकिस्तान का नहीं बल्कि काबुल का पुराना वीडियो है।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने इस वीडियो की जांच की तो पता चला कि यह मामला पाकिस्तान का नहीं बल्कि अफगानिस्तान के काबुल का था जब मार्च 2020 में गुरुद्वारा करता परवान पर आतंकी हमला हुआ था और इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी।