रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर किसी किसान की नहीं है।
RSFC (टीम मोहाली)- हरियाणा के शाहबाद मारकंडा में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में सूरजमुखी की फसल की एमएसपी बढ़ाने को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प देखने को मिली जिसमें पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया। अब इस घटना की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। सोशल मीडिया पर ऐसी ही एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें घायल लोगों की तस्वीरें हैं। दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें इस प्रदर्शन के दौरान घायल हुए किसानों की हैं।
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण के खिलाफ धरने पर बैठी पहलवान साक्षी मलिक ने एक वायरल तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "किसानों ने सिर्फ़ अपनी फसलों की एमएसपी मांगी थी. लेकिन क्रूर तंत्र ने उन्हें लाठियां और गिरफ़्तारियां दीं. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की गिरफ़्तारी की हम निंदा करते हैं, उनकी जल्द रिहाई हो. आंदोलन में शहीद हुए किसान की खबर ने आंखें नम कर दी हैं"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर किसी किसान की नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर जुलाई 2019 की है जब दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक सिख ड्राइवर और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई थी।
स्पोक्समैन की जांच:
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल लेंस पर सर्च किया। बता दें कि ये वायरल हो रही तस्वीर 2019 की है।
हमारी खोज के दौरान हमें जुलाई 2019 की कई रिपोर्ट मिलीं जिनमें वायरल तस्वीर प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक सिख ड्राइवर और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प का है. झड़प के दौरान सिख ड्राइवर को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और ये वायरल तस्वीर उसी वक्त की है।
मीडिया एजेंसी AAJ TAK के मुताबिक, ऑटो चालक सरबजीत ने पुलिसकर्मियों के एक समूह पर तलवार से हमला किया, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने सरबजीत और उसके बेटे की पिटाई की थी।
AAJ TAK
NDTV द्वारा 25 जुलाई, 2019 को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, 16 जुलाई, 2019 को दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में कुछ पुलिस कर्मियों और एक सिख टेंपो चालक के बीच कहासुनी और मारपीट हुई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस ने जांच के दौरान अपने दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर किसी किसान की नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर जुलाई 2019 की है जब दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक सिख ड्राइवर और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई थी।