फिलिस्तीनी लोगों की यह वायरल तस्वीर AI जनरेटेड है, Fact Check रिपोर्ट

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फिलिस्तीनी लोगों की यह वायरल तस्वीर AI जनरेटेड है, Fact Check रिपोर्ट
Published : Nov 9, 2023, 3:21 pm IST
Updated : Nov 9, 2023, 3:21 pm IST
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 AI Generated Image Of Palestinian Family Having Food Viral On Social Media
AI Generated Image Of Palestinian Family Having Food Viral On Social Media

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर असली तस्वीर नहीं बल्कि AI की मदद से बनाई गई है।

RSFC (Team Mohali)- इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर हजारों वीडियो-तस्वीरें वायरल हो गई हैं। इस सीरीज में अनिवार्य रूप से भ्रामक और झूठे दावे भी वायरल हुए। अब इस जंग के बीच एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक परिवार को टूटी इमारतों के बीच बैठकर खाना खाते देखा जा सकता है। अब इस तस्वीर को फिलिस्तीन की बताकर फिलिस्तीनी लोगों के जज्बे की तारीफ की जा रही है।

एक्स अकाउंट  "shahid siddiqui" ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, "आप जीने, साझा करने और पुनर्निर्माण की इच्छा को मार नहीं सकते। कोई भी बम फिलिस्तीनी भावना को नष्ट नहीं कर सकता।"

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर असली तस्वीर नहीं बल्कि AI की मदद से बनाई गई है। वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत में हमने सबसे पहले इस तस्वीर को ध्यान से देखा। आपको बता दें कि ये तस्वीर देखने में सही नहीं है। इस तस्वीर में दिख रहे लोगों के पैर, हाथ और चेहरे आम लोगों से बिल्कुल अलग हैं। इस तस्वीर में कोई चेहरा साफ़ नजर नहीं आ रहा है जिससे अंदेशा होता है कि वायरल तस्वीर AI की मदद से बनाई गई है।

Viral ImageViral Image

अब हम आगे बढ़े और hivemoderation.com पर इस तस्वीर को चेक किया। आपको बता दें कि यह वेबसाइट तस्वीरों की जांच करती है और साफ करती है कि कोई तस्वीर एआई द्वारा बनाई गई है या नहीं। यहां जांच के नतीजों से हुआ कि वायरल तस्वीर AI द्वारा बनाई गई है। इस तस्वीर को 99% AI Generated रेटिंग दी गई थी।

Hive ModerationHive Moderation

यह स्पष्ट था कि वायरल तस्वीर AI की मदद से बनाई गई थी।

AI या डीपफेक की पहचान कैसे की जा सकती है?

1. आंखों की अप्राकृतिक गतिविधियां: आंखों की अप्राकृतिक गतिविधियों पर ध्यान दें, जैसे पलकें झपकाना या अनियमित गतिविधियां।

2. रंग और रोशनी में मेल: चेहरे और पृष्ठभूमि में रंग और रोशनी को ध्यान से देखें क्योंकि यह रंग और रोशनी में मेल नहीं खाता है।

3. ऑडियो गुणवत्ता: ऑडियो गुणवत्ता की तुलना करें और देखें कि ऑडियो होठों की गति से मेल खाता है या नहीं।

4. दृश्य विसंगतियाँ: दृश्य विसंगतियों का विश्लेषण करें, जैसे शरीर का अजीब आकार या चेहरे की हरकतें, चेहरे की विशेषताओं की अप्राकृतिक स्थिति, या अजीब मुद्रा।

5. रिवर्स इमेज सर्च: वीडियो या व्यक्ति की तस्वीर रिवर्स इमेज सर्च करके देखें कि वे असली हैं या नहीं।

6. वीडियो मेटाडेटा: वीडियो मेटाडेटा की जांच करें और देखें कि क्या इसे बदला या संपादित किया गया है।

7. डीपफेक डिटेक्शन टूल: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ब्राउज़र एक्सटेंशन पर डीपफेक डिटेक्शन टूल का उपयोग करें, जो संदिग्ध वीडियो को चिह्नित कर सकते हैं।

निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर असली तस्वीर नहीं बल्कि AI की मदद से बनाई गई है। वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है।
 

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ROZANASPOKESMAN

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