साइबर ठग लोगों को लालच देकर या डर दिखाकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।
Chandigarh Cyber Fraud Case 108 cases this year news In Hindi: चंडीगढ़ ट्राईसिटी में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध से लोगों को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही पुलिस की भी परेशानी बढ़ गई हैं। लोग अपने लाखों रुपये गंवा रहे हैं और शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही हैं। ठगी का आलम यह है कि इस साल अब तक साइबर क्राइम थाना पुलिस 108 केस दर्ज कर चुकी है। इनमें से सात केस ऐसे हैं, जिनमें 3.70 करोड़ से ज्यादा रुपये ठगे गए हैं। बाकी ऐसे कई मामले हैं, जिनमें 10 लाख रुपये तक की ठगी हुई है। ऐसे में साइबर ठगी से बचने का तरीका केवल जागरुकता ही है। साइबर पुलिस की ओर से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
साइबर ठग लोगों को लालच देकर या डर दिखाकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए, जब भी इस तरह की कोई स्थिति बने तो सावधान हो जाएं।
शेयर मार्केट में निवेश कर भारी मुनाफा कमाने का लालच या फिर आधार कार्ड मनी लॉर्डिंग में संलिप्त बैंक खातों से जुड़ा होने का हर दिखाकर यह वारदात की जाती हैं। पिछले दिनों दर्ज हुए सात बड़े केस में से तीन डिजिटल अरेस्ट के हैं तो चार इनवेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने के हैं
डिजिटल अरेस्ट: अधिकारियों को बना रहे निशाना
पिछले कुछ महीनों में डिजिटल अरेस्ट के छह मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 3.5 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई है। साइबर ठगों ने जिन लोगों को शिकार बनाया वे सभी बुजुर्ग है और सरकारी विभागों में ऊंचे पदों से सेवानिवृत्त है। इस बात को देखते हुए साइबर पुलिस सरकारी विभागों में भी कर्मचारियों के बीच जागरुकता अभियान शुरू करने की योजना बना रही है।
साइवर पुलिस जल्द जागरुकता अभियान शुरू करेगी
• मोबाइल में कोई भी थर्ड पार्टी एप इंस्टाल नकरें।
• किसी भी अनजान नंबर से आने वाले लिंक पर क्लिक न करें।
• अनजान नंबर से वाट्सएप पर आने वाली आडियो और वीडियी काल को न उठाए।
• मोबाइल पर आने वाला कोई भी ओटीपी किसी को न बताएं।
• किसी भी अनजान वयक्ति से अपने बैंक से संबंधित और निजी जानकारियां साझा न करें।
ठगी होने पर यह करें
• ठगी होने की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या फिर टोल फ्री नंबर 1930 व 112 पर दें।
• खुद को शांत रखें और अच्छे से याद करके हर छोटी से छोटी जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराएं।
• जितना जल्दी हो सके पुलिस को सूचित करें, ताकि ठगों के खाते फोज कनराम जा सके.
• अगर फोन में अनजान साइट खोली हैती उसके बाद फोन को कुछ मिनट के लिए एका बार स्थिच आफ कर दें।
कोई भी एजेंसी वीडियो काल पर जांच नहीं करती: ए वैकेटेश
साइबर पुलिस के डीएसपी ए वैकेटेश ने बताया कि लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जांब एजेंसी वीडियो काल करके गैरकानूनी कामों और मनी लांडिंग जैसे अपराधों की जांच नहीं करती है। अगर इस तरह की कोई काल आती है तो उसे तुरंत काट दें। अगर अनजान नंबर की वीडियो काल नहीं उठापसे तो इस तरह की नौबत ही नहीं आपगी। साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है।
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