उच्च न्यायालय ने समितियों को आठ सप्ताह में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है, उन्हें 22 अप्रैल तक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
Chandigarh news: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को अधिकारियों के नाम मिलने के बाद दोनों राज्यों में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) के कामकाज की जांच वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से करने को कहा गया है। इसके लिए दो अलग-अलग कमेटियां गठित करने का आदेश भी दिया गया है। पंजाब के लिए समिति का हिस्सा रहे अधिकारियों में धरिंदर कुमार तिवारी, (आईएएस, 1994), वी नीरजा (आईपीएस, 1994) और नीलकंठ (आईएएस, 1999) शामिल हैं।
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हरियाणा समिति में विनीत गर्ग (आईएएस, 1991), विजेंद्र कुमार, (आईएएस, 1995) और अमिताभ सिंह ढिल्लों (आईपीएस, 1997) शामिल हैं। समितियों के कार्यक्षेत्र में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला रिपोर्ट तैयार करने और प्रस्तुत करने में देरी के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक और तकनीकी कारणों की पहचान करना शामिल होगा। समितियां समग्र प्रक्रिया को तेज करने और सुव्यवस्थित करने, एफएसएल द्वारा समय पर तैयारी और रिपोर्ट प्रस्तुत करने को सुनिश्चित करने के लिए उपचारात्मक उपाय भी प्रस्तावित करेंगी।
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उच्च न्यायालय ने समितियों को आठ सप्ताह में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है, लेकिन उन्हें 22 अप्रैल तक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। हरियाणा कमेटी पंचकूला के पिंजौर पुलिस स्टेशन में दर्ज नशीले पदार्थों के मामले में अधिकारियों की चूक और आरोपों की भी जांच करेगी। 15 मार्च के अपने आदेश में हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हरियाणा के लिए समिति को ये अतिरिक्त निर्देश एफएसएल रिपोर्ट तैयार करने और भेजने में छह महीने की देरी के कारण दिए गए थे।
(For more news apart from IAS and IPS officers will investigate the work of forensic lab in Punjab-Haryana News In Hindi, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)