पॉक्सो कानून : विशेषज्ञों ने किशोरों के बीच सहमति के संबंधों को लेकर विशेष प्रावधान करने की मांग की

खबरे |

खबरे |

पॉक्सो कानून : विशेषज्ञों ने किशोरों के बीच सहमति के संबंधों को लेकर विशेष प्रावधान करने की मांग की
Published : Nov 23, 2022, 4:31 pm IST
Updated : Nov 23, 2022, 4:31 pm IST
SHARE ARTICLE
 POCSO law
POCSO law

दुष्कर्म के आरोप में पकड़े जाने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया शोभित और शांता, दो साल बाद 18 वर्ष के हो चुके हैं, दोनों फिर साथ आने को बेताब हैं।

New Delhi :  उन्हें यकीन था कि वे एक-दूसरे के लिए बने हैं, लेकिन उनके अभिभावकों और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की राय जुदा थी। दुष्कर्म के आरोप में पकड़े जाने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया शोभित और शांता, घटना के दो साल बाद 18 वर्ष के हो चुके हैं और दोनों अब एक बार फिर साथ आने को बेताब हैं।

युगल की पहचान जाहिर न होने देने के लिए खबर में उनके नाम बदल दिए गए हैं।

अधिवक्ताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि शोभित और शांता का मामला पॉक्सो अधिनियम के पेंच में फंसे उन बेकसूर किशोरों की समस्या को दर्शाता है, जो बालिग होने की दहलीज पर खड़े हैं। इस अधिनियम के तहत सहमति से संबंध बनाने की उम्र 18 साल तय की गई है।

शांता को उसके पिता ने शोभित के साथ पकड़ा था। उसने घटनाक्रम को याद करते हुए ‘  कहा, “मैं चीखती-चिल्लाती रही कि यह सब झूठ है और हमने आपसी सहमति से संबंध बनाए हैं, लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी। उन सभी को लगा कि मुझे गुमराह किया गया है।”

पॉक्सो अधिनियम का मकसद बच्चों को यौन हमलों, यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से बचाना है। यह अधिनियम बालिग होने की दहलीज पर खड़े किशोर-किशोरियों के बीच संबंधों की प्रकृति तय करने में सहमति की भूमिका को लेकर अक्सर सवालों के घेरे में आता है।

इस अधिनियम में 18 साल से कम उम्र के लोगों को बच्चे के रूप में परिभाषित किया गया है।

पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के मुताबिक, “यौन हमले के दोषी को कठोर कारावास की सजा से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन इसे आजीवन कारावास तक भी बढ़ाया जा सकता है। दोषी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।”

बाल अधिकार अधिवक्ता अनंत कुमार अस्थाना ने कहा कि आपसी सहमति के संबंधों में शामिल किशोरों के मामले में जिस तरह से इस कानून को लागू किया जाता है, उससे “सभी वर्गों के बीच तनाव और चिंता पैदा हुई है तथा न्यायपालिका में यह चिंता विशेष रूप से देखी जा सकती है।”.

अस्थाना के अनुसार, कई बार ऐसे मामले सिर्फ प्रेम संबंधों के नहीं, बल्कि ‘‘लिव-इन रिलेशनशिप’’ (सहजीवन साथी) के होते हैं, जिन्हें वयस्कों के मामले में मान्यता हासिल है।

उन्होंने कहा, “कुछ मामलों में नाबालिग शादी भी कर लेते हैं। लिहाजा, उन मामलों में पॉक्सो को लागू करने से लड़के और लड़की, दोनों को सजा मिलती है।”

हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि पॉक्सो अधिनियम का मकसद बच्चों को यौन शोषण से बचाना है, लेकिन इसका इरादा बालिग होने की दहलीज पर खड़े लोगों के बीच सहमति से बने रोमांटिक संबंधों को अपराध बनाना कभी भी नहीं था।.

अदालत ने 17 साल की किशोरी से शादी करने वाले एक लड़के को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसे पॉक्सो अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था।

‘हक :  सेंटर ऑफ चाइल्ड राइट्स’ की बाल अधिकार कार्यकर्ता तारा निरूला ने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे हल किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ‘‘कुछ देशों में सहमति की उम्र 16 साल से कम है, मुझे लगता है कि कुछ इस तरह के प्रावधान करने की जरूरत है। ऐसे मामले आने पर अदालतों को भी थोड़ी नरमी दिखानी चाहिए।”.

नागरिक अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना ने लड़की के बयान के आधार पर आरोपों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि सहमति से संबंध बनाने वाले लोग ऐसे मामलों में न फंसें।

उन्होंने कहा, “ऐसा कई लड़कों के साथ हो रहा है और हमारे पास इस तरह के कई मामले हैं।”

हालांकि, बाल अधिकार कार्यकर्ता सुनीता कृष्णन ने कहा कि यह एक जटिल मसला है। उन्होंने कहा कि पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज लगभग 90 फीसदी मामले भागने-भगाने से जुड़े होते हैं।

कृष्णन गैर-सरकारी संगठन ‘प्रज्ज्वला’ की सह-संस्थापक हैं, जो यौन तस्करी के शिकार लोगों को बचाता है, उनका पुनर्वास कराता है और उन्हें एक बार फिर समाज की मुख्यधारा में लाता है।

कृष्णन कहती हैं, “ऐसे मामलों में अंतत: यौन शोषण की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने कहा, “एक संतुलन स्थापित करने की जरूरत है। स्थिति इतनी जटिल है कि कोई यह नहीं कह सकता कि यह गलत है और यह सही है।”

पद्मश्री से सम्मानित कृष्णन ने सुझाव दिया कि पॉक्सो अधिनियम में एक अलग प्रावधान शामिल किया जा सकता है, जो यह स्पष्ट करे कि यौन संबंध सिर्फ जबरदस्ती नहीं हो सकते, बल्कि ये दो लोगों के बीच सहमति से बने भी हो सकते हैं।

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

'हमारा गांव बिकाऊ है' पोस्टर विवाद बढ़ा, SHO के खिलाफ कार्रवाई

03 Jun 2025 5:49 PM

रोती हुई महिला ने निहंग सिंह पर लगाया आरोप बेअदबी, फिरोजपुर जमीन विवाद निहंग सिंह मामला

03 Jun 2025 5:48 PM

पंजाब किंग्स की जीत! मुंबई इंडियंस को हराकर फाइनल में बनाई जगह, अब RCB से होगी बड़ी टक्कर

02 Jun 2025 6:41 PM

Punjab Kings Vs RCB ! सुनें दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज मोहित शर्मा किसका कर रहे हैं समर्थन

02 Jun 2025 6:39 PM

जेल से बाहर आने के बाद जगदीश भोला का EXCLUSIVE वीडियो

02 Jun 2025 6:37 PM

राजबीर कौर ने बताया कपिल शर्मा और भारती बहुत शरारती हैं, Rajbir kaur Exclusive Interview

02 Jun 2025 6:35 PM