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पुलिस के मुताबिक पटेल ने तमिलनाडु के त्रिची में भारतीय प्रबंधन संस्थान से 2021-22 में एक वर्षीय कार्यकारी एमबीए किया।
अहमदाबाद: अहमदाबाद अपराध शाखा कथित ठग किरण पटेल की शैक्षणिक योग्यता की जांच करेगी। खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश करने के आरोप में पिछले महीने पटेल को जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार किया गया था और उसे शनिवार तड़के को अहमदाबाद लाया गया। अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) चैतन्य मांडलिक ने बताया कि पटेल दावा करता है कि वह कंप्यूटर इंजीनियर है तथा वह विज्ञापन एजेंसी एवं विदेश में काम कर चुका है।
मांडलिक ने कहा, ‘‘ हम उसके दावों की जांच करेंगे। यदि उसकी शैक्षणिक डिग्री फर्जी पायी जाती है तो हम उसके विरूद्ध नयी प्राथमिकी दर्ज करेंगे। अपराध शाखा के अनुसार पटेल का दावा है कि उसने पहले यहां एक पॉलीटेक्निक से कंप्यूटरि इंजीनियिंग में डिप्लोमा किया और फिर एक प्रमुख सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय से ‘डिप्लोमा-से -डिग्री ’ अभियांत्रिक कोर्स किया।
पुलिस के मुताबिक पटेल ने तमिलनाडु के त्रिची में भारतीय प्रबंधन संस्थान से 2021-22 में एक वर्षीय कार्यकारी एमबीए किया।
पटेल ने पुलिस को बताया है कि वह अहमदाबाद में एक विज्ञापन एजेंसी में प्रोग्रामर की नौकरी करता था जहां उसने राजनीतिक दलों के लिए विज्ञापन एवं वेबसाइट बनायीं। उसने बताया कि यह वही जगह है जहां उसने राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों एवं परियोजनाओं की जानकारियां जुटायीं।
पुलिस के अनुसार पटेल को यहां एक महंगे इलाके में एक वरिष्ठ नागरिक का बंगला हड़पने से जुड़े एक मामले के सिलसिले में शनिवार तड़के तीन बजे यहां लाया गया और गिरफ्तार किया गया। उसकी पत्नी मालिनी को 28 मार्च को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘ इन दावों की हर पहलू की जांच की जाएगी जिनमें उसके सोशल मीडिया पोस्ट, शैक्षणिक डिग्री और संपत्तियां आदि शामिल हैं। पटेल ने विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जहां उसने खुद को राजनीतिक पदाधिकारी से लेकर लेखक एवं कलाकार के रूप में पेश किया एवं मेहमानों को आमंत्रित किया।’’
पुलिस ने कहा कि पटेल ने 2019 में दिल्ली में कथित रूप से ‘चलो इंडिया’ कार्यक्रम का आयोजन किया और उसने 2022 के जी 20 सम्मेलन के वास्ते सरकारी लाभ पर दावा करने के लिए पंचसितारा होटल में एक कार्यक्रम किया।.
पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘ हम सड़क मार्ग से उसे जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से अहमदाबाद लेकर आये। हमने चिकित्सा जांच के बाद शनिवार तड़के करीब तीन बजे उसे हिरासत में लिया। पटेल के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। उनमें श्रीनगर में एक और अहमदाबाद के नरोदा थाने, वड़ोदरा के रावपुरा थाने और अरावली जिले के बायाड में दर्ज मामले शामिल हैं।’’
इन मामलों का संबंध किराये पर लिये गये 16 चार पहिया वाहनों को बेचने, वड़ोदरा में एक गरबा कार्यक्रम की सजावट और रोशनी व्यवस्था के सिलसिले में 1.55 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने, राजनीतिक पहुंच का हवाला देकर निवेश के बहाने एक व्यक्ति से डेढ़ करोड़ रूपये ठगने से है।
मांडलिक ने कहा, ‘‘ लोगों को ठगने के लिए पटेल राजनीतिक प्रभाव वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में खुद को गलत तरीके से पेश करता था और दिखावा करता था। हम संपूर्ण जांच कर रहे हैं। हम उसके सोशल मीडिया, शैक्षणिक डिग्री और संपत्तियों के सिलसिले में उससे पूछताछ करेंगे।’’
अपराध शाखा ने जगदीश चावड़ा नामक एक व्यक्ति की शिकायत पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। चावड़ा ने कहा था कि पटेल ने उसके बंगला को मरम्मत करवाने के नाम पर अपने अवैध कब्जे में ले लिया।
इस शिकायकर्ता के अनुसार पटेल ने इस बंगले का जीर्णोद्धार कार्य उसके मालिकों को विश्वास में लेकर शुरू और किस्तों में 35 लाख रुपये भी लिये। चावड़ा का कहना है कि बाद में पटेल बंगले पर स्वामित्व का दावा कर बैठा और उसने एक अदालत में दिवानी मामला दर्ज कर दिया। पटेल और उसकी पत्नी पर पुलिस ने भादंसं की धाराओं 406 (विश्वास भंग करना), 420 (धोखाधड़ी), 170 (सरकारी अधिकारी होने का स्वांग रचना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले महीने पटेल को खुद को कथित तौर पर केंद्र सरकार में ‘अवर सचिव’ के रूप में पेश करने तथा सुरक्षा एवं अन्य आतिथ्य का मजा लेने के आरोप में श्रीनगर के एक पंचसितारा होटल से गिरफ्तार किया था।
पटेल को जब तीन मार्च को सतर्क सुरक्षा अधिकारियों ने पकड़ा, तो उस समय वह कश्मीर घाटी की तीसरी यात्रा पर था। पटेल ने दावा किया था कि सरकार ने उसे दक्षिण कश्मीर में सेब के बगीचों में खरीददारों की पहचान करने का जिम्मा सौंपा है। एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को श्रीनगर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पटेल को हिरासत में लेने के गुजरात पुलिस के अनुरोध स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद उसे गुजरात पुलिस के हवाले कर दिया गया था।